संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

पोटका में भूषण स्टील प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से धरना जारी …

 भूषण पावर एंड स्टील की ओर से पोटका में प्रस्तावित प्लांट को लेकर 24
सितंबर को जनसुनवाई का आयोजन किया गया था जिसका  प्रखंड के लोग शुरू से ही
विरोध कर रहे थे. भूषण स्टील के प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से धरना  जारी  है. पेश है  कुमार चंद्र मार्डी  कि रिपोर्ट –

पोटका प्रखंड के लोग पिछले सात वर्षों से इस क्षेत्र में भूषण कंपनी का कारखाना लगने का विरोध करते आ रहे हैं। कितनी सारी जनसभाएं कीं, कई बार जिला मुख्यालय में हजारों लोगों के जुलूस, प्रदर्शन किये। उपायुक्त से लेकर राज्यपाल तक सभी अधिकारियों  को पत्र देकर बार-बार बताया है कि पोटका प्रखंड की जनता भूषण का कारखाना यहां लगने के खिलाफ है। आगे भी हम इसका विरोध करेंगे, भले ही इसके लिए हमें जेल जाना पड़े या गोली खानी पड़े।
पोटका प्रखंड के लोगों के विरोध के बावजूद अधिकारी-गण जनता के भले की बात सोचने के बदले भूषण कंपनी की सेवा में लगे हुए हैं। सब जानते हैं कि यह कंपनी यहां जनता के भले के लिए नहीं बल्कि झारखण्ड का लोहा, कोयला, पानी और दूसरे संसाधनों को लूटने यहां सरकारी अफसरों और गांव के कुछ मुखियाओं को भी घूस देकर, होटलों में दारू पिलाकर अपने काम में लगा रही है।

प्रखंड के लोग बार-बार सरकार से मांग करते रहे हैं कि वह खेतों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करे, लेकिन उसने नहीं किया। लेकिन वही सरकार भूषण कंपनी को 30 किलोमीटर दूर से स्वर्णरेखा का पानी मोटे पाइप से लाने और गहरे बोरिंग से भूजल निकालने की अनुमति दे रही है। इस बोरिंग से कंपनी इतना अधिक पानी खंीच लेगी कि चारों तरफ के गांवों को पीने का पानी मिलना भी मुश्किल हो जाएगा। नदी के पानी और भूजल पर पहला हक खती और ग्रामीणों का है। हम पानी लूटने नहीं देंगे।

दोस्तों, सरकार कभी भी गांवों के विकास के प्रति गंभीर नहीं रही। सरकार और कंपनियों ने ग्रामांचल में ऐसी परिस्थितियां पैदा कर दी हैं कि गांव का विकास न हो और लोग मजबूर होकर जमीनें सस्ते में बेच दें और पलायन कर जाएं। अब हम यह रवैया चलने नहीं देंगे। गांवों का विकास करना होगा। पानी की व्यवस्था करो, खेती, पशुपालन, मछली पालन, बागवानी, ग्रामीण उद्योग आदि का विकास करो; शहर के स्तर की शिक्षा और चिकित्सा की व्यवस्था करो। ऐसा विकास होने से गांव में ही सबके लिए भरपूर रोजगार मिलेगा, पेट में दाना होगा और पॉकेट में पैसा होगा, गांव में ही हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की नींव पड़ेगी। हमें गांव के विकास के लिए लड़ना होगा। सही और पूरा उपयोग करें तो हमारी हर एकड़ जमीन से हर साल लाखों की कमाई हो सकती है। सरकार बड़े कारखानेदारों, लुटेरों को खुश करना छोड़े और गांव के विकास को प्राथमिकता दे तो गांवों का ऐसा विकास हो सकता है।

भूषण का कारखाना लगने से प्रदूषण फैलेगा, पानी बर्बाद होगा, खनिज लूटे जायेंगे, जंगल कटेंगे, किसानों से अधिकाधिक जमीन छिनती जायेंगी। इसको अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं होना चाहिए।  प्रदूषण नियंत्रण परिषद की लोक सुनवाई में कंपनी का विरोध किया गया । कंपनी ने अभी तक जितनी जमीनें दखल की हैं वे विवादग्रस्त जमीनें हैं। वनभूमि, सड़कों की जमीनें भी इनमें शामिल हैं। सी.एन.टी. एक्ट और 5वीं अनुसूची का उल्लंघन करके जमीनें कब्जा की गयी हैं। कंपनी ने यह लोक सुनवाई जनता पर  थोपने के लिए की  है। यह सरासर धांधली है। पोटका प्रखंड के लोग इसका हर तरह से विरोध करेगें.

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