संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता कॉरिडोर पर रणनीतिक बैठक; 22 अगस्त, 2015

भूमि अधिग्रहण, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण के मुद्दे पर जमीन से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं, शोधकर्ताओं, क़ानूनी विशेषज्ञ और सभी प्रभावित लोगों को एनएपीएम बिहार का आमंत्रण।

दिनांक: 22 अगस्त, 2015 ( 10 बजे से)

स्थान: मिल्लत हॉस्पिटल कैंपस सभागार, लिच रोड
(रेलवे हॉस्पिटल के पास), गया, बिहार

स्पेशल इकोनोमिक जोन (विशेष आर्थिक क्षेत्र) की बड़ी विफलता के बाद अब पूंजीवादी समर्थक लॉबी ने लाखों लोगों को बेघर करने का, भूमि छीनकर उन्हें बंधुआ मजदूरी के जंजाल में फ़साने का नया तरीका ढूँढ लिया है। इसी को औद्योगिक कॉरिडोर के नाम से जाना जा रहा है और इस तरह के शोषक अर्थनीति को सरकार किसी भी हद तक जाकर दिल्ली – मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में लाना चाहती है। एनएपीएम में इसके विरुद्ध 2013 में इससे प्रभावित 6 राज्यों में डीएमआईसी संघर्ष यात्रा निकाली थी और उसके बाद भी लगातार इसका विरोध करती रही है। भारत में अब तक 11 से अधिक कॉरिडोर योजनाबद्ध है, जिससे लाखों लोगों के बेघर होने का डर है और साथ ही साथ उनके आजीविका और आत्मनिर्भर व्यवसाय के लिए खतरा है।

ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा) 1900 किमी. लंबी रेल लाइन है जो पूरी तरह से कोलकाता के नजदीक डानकुनी और पंजाब के लुधियाना के  बीच सामान और कच्ची सामग्री को ढोने के लिए समर्पित है और यह विश्व बैंक की एक परियोजना है। फ्रेट कॉरिडोर के इर्दगिर्द विशाल औद्योगिक और शहरी विस्तार किये जाने की योजना को ही अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर के नाम से जाना जा रहा है।

अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक कॉरिडोर का विस्तार सात राज्यों के 20 शहरों में होगा जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल राज्य शामिल हैं।

एडीकेआईसी (अमृतसर-दिल्ली-कोलकाता औद्योगिक गलियारा) परियोजना के दायरे में अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, अंबाला, सहारनपुर, दिल्ली, रूड़की, मोरादाबाद, बरेली, अलीगढ, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, पटना, हजारीबाग, धनबाद, आसनसोल, दुर्गापुर और कोलकाता शहर आयेंगे।

एडीकेआईसी परियोजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी और कम से कम 5,50,000 वर्ग किमी. बेल्ट इसके अंतर्गत सम्मिलित किया जायेगा। परियोजना का पहला चरण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में होगा और इसमें सभी सात राज्यों में से प्रत्येक राज्य में 10 वर्ग किमी. में कम से कम एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना की जाएगी। 

पश्चिम बंगाल के बर्दवान, मौअस, सतीनादी, किसोर्कोरना और खानो, पीएस गालसी जिलों में ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु  टाइम्स ऑफ़ इंडिया में 25 जुलाई को प्रकाशित हो चुका है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था और आजीविका पर इस शहरी हमले के खिलाफ तुरंत एक संयुक्त मोर्चा बनाये जाने की जरुरत है। चर्चा और रणनीति बनाने के लिए एनएपीएम 22 अगस्त, 2015 को गया में आप सभी को आमंत्रित करता है।

महेंद्र यादव (9973936658), मुनीलाल (9905238057), ऋषित (9560986354), शबनम (9643349452)

और राजेंद्र रवि (9868200316)
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