मारुति मज़दूरों के अन्यायपूर्ण सजा के 7 साल : इंसाफ़ के इंतजार में कुर्बान होती जिंदगियां
गुड़गांव 18 जुलाई 2019। मारुति मज़दूरों के अन्यपूर्ण सजा के 7 साल पूरा होने पर 18 जुलाई 2019 को मारुति सुज़ुकी मजदूर संघ के नेतृत्व में गुड़गांव के राजीव चौक से डीसी ऑफिस तक मजदूरों ने जबरदस्त रैली निकाली जो डीसी ऑफिस पर पहुंच कर सभा में तब्दील हो गई।
सभा के दौरान मजदूर नेताओं ने एलान किया कि जेल में बंद मजदूर साथियों की रिहाई के लिए और जमानत के लिए पूरी ताकत के साथ संघर्ष करेंगे। साथ ही गैरकानूनी रूप से बर्खास्त समस्त मारुति मजदूरों की कार्यबहाली का भी संघर्ष जारी रहेगा। वक्ताओं ने आज देश के पैमाने पर श्रम कानूनों पर हो रहे हमलों और मज़दूर विरोधी नीतियों की भी निंदा की और इसके मुख़ालफ़त के लिए संगठित प्रयास करने पर जोर दिया।
ज्ञात हो कि 18 जुलाई 2012 को मारुति मानेसर प्लांट में हुई घटना के बाद मारुति मजदूरों पर भयावह दमन शुरू हुआ था, जिसमें 147 मजदूरों को जेल की कालकोठरीओं में बंद करके और करीब ढाई हजार स्थाई-अस्थाई मजदूरों को बर्खास्त करके मालिकों ने सरकार प्रशासन की नापाक गठजोड़ से अन्याय की सारी हदें पार कर दी थी। आज भी मारुति के 13 मजदूर अन्याय पूर्ण उम्र कैद की सजा भुगत रहे हैं।
आज के प्रदर्शन में मारुति सुजुकी गुड़गांव, मारुति सुजुकी मानेसर, सुजुकी बाइक प्लांट, सुजुकी पावरट्रेन, बेलसोनीका के मजदूर यूनियनों के नेतृत्व में भारी पैमाने पर पहुंचे थे। उनके साथ इस औद्योगिक क्षेत्र की होंडा मानेसर, मुंजाल सोवा, बजाज, हीरो आदि की यूनियने, एचएमएस, एटक, सीटू, एआईटीयूसी, मजदूर सहयोग केंद्र, इंकलाबी मजदूर केंद्र, क्रांतिकारी नौजवान सभा, मारुति सुजुकी प्रोविजनल कमेटी आदि के लोग भी शामिल थे।
साभार : संघर्षरत मेहनतकश