संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसानों की कब्रगाह बनता बुंदेलखंड : 15 दिनों में 5 किसानों ने की आत्महत्या

-शिव नारायण सिंह परिहार

किसानों की कब्रगाह बन चुका बुंदेलखंड। झांसी के तहसील टहरौली थाना उल्दन गांव नोटा का रहने वाला किसान लक्ष्मी प्रसाद पटेल (50) वर्ष/ अमर सिंह लगभग 4 एकड़ का किसान 12 दिन पहले अपने खेत मे मूंग फली बोई थी। जो जमी नहीं फसल न जमने से किसान भारी सदमे में था। 2 साल से फसल हुई नही किसान के नाम kcc का 93 हजार का कर्ज है। इनके पिता के नाम 8 लाख का कर्ज है। कर्ज उतारने की जिम्मेदारी लक्ष्मी की थी। बेटी की शादी हो चुकी थी। लेकिन ससुराल वालों ने छोड़ दिया। भारी विपदावो के चलते किसान ने 1 जुलाई 2018 को 10 बजे घर मे फांसी लगा कर सुसाइड कर लिया।

बदहाली की मार झेल रहा बुंदेलखंड का एक और किसान हमारे बीच से चला गया। रविवार की सुबह उल्दन थाने के नोटा गांव के किसान ने कमरे में पंखे के कुंदे से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उस पर किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) का एक लाख रुपये का कर्ज था। वह साहूकारों से भी उधार लिए था। पिता के नाम भी आठ लाख रुपये का कर्ज है। किसान पिछले कुछ सालों से कभी बेमौसम बारिश, तो कभी सूखे के कारण फसल में नुकसान उठाता आ रहा था।

टहरौली तहसील क्षेत्र के नोटा गांव का लक्ष्मी प्रसाद 4 एकड़ जमीन का काश्तकार था। सुबह करीब साढ़े दस बजे उसका शव कमरे में पंखे के कुंदे के सहारे फांसी के फंदे पर झूलता मिला। परिजनों के मुताबिक लगातार मौसम की बेरुखी से फसल ठीक नहीं हो रही है। पिछले साल बारिश न होने की वजह से खरीफ फसल नहीं हो सकी। रबी फसल भी ठीक नहीं हुई। ऐसे में कर्ज लेकर गुजारा करना पड़ा।

किसान के पिता अमर सिंह पटेल पर भी आठ लाख रुपये का कर्ज है। बढ़ते कर्ज के बोझ की अदायगी की फिक्र किसान को सता रही थी। वह गुमसुम रहने लगा था। कुछ दिन से न तो ठीक से खा रहा था, न ही सो रहा था। घर के लोगों से भी बातचीत करना बंद कर दिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

(लेखक भारतीय किसान यूनियन (भानू) से जुड़े है )

इसको भी देख सकते है