संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

अखिल गोगई राष्ट्रद्रोह के फर्जी प्रकरण में गिरफ्तार : 28 सितम्बर को आसाम भवन पर प्रदर्शन

अखिल गोगई की रिहाई की मांग को लेकर दिल्ली एक्शन कमेटी फॉर आसाम के बैनर तले 28 सितम्बर को शाम 3 बजे से आसाम भवन पर प्रदर्शन आयोजित किया गया है।

आसाम की भाजपा सरकार ने अखिल गोगई पर राष्ट्रद्रोह का फ़र्ज़ी प्रकरण बनाकर 13 सितम्बर को जेल भेज दिया। अखिल पर कुल 122 फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा चुके है। अखिल पिछले एक दशक से अधिक समय से असम के किसानों के प्रतिनिधि संगठन कृषक संग्राम समिति का नेतृत्व करते हुए किसानों के भूमि अधिग्रहण, जैव विविधता, कर्ज़ा मुक्ति, समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद जैसे मुद्दों को लेकर सरकारों को चुनौती देते रहे है। रिहाई की मांग को लेकर 28 सितम्बर को शाम 3 बजे से आसाम भवन पर दिल्ली एक्शन कमेटी फॉर आसाम के बैनर तले प्रदर्शन आयोजित किया गया है;

कृषक संग्राम समिति, असम के अध्यक्ष अखिल गोगई को असम सरकार द्वारा राष्ट्रद्रोह का फ़र्ज़ी प्रकरण बनाकर जेल भेज दिया गया। अखिल गोगई पिछले एक दशक से अधिक समय से असम के किसानों के प्रतिनिधि संगठन कृषक संग्राम समिति का नेतृत्व करते हुए किसानों के भूमि अधिग्रहण, जैव विविधता, कर्ज़ा मुक्ति, समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना दाम पर खरीद जैसे मुद्दों को लेकर सरकारों को चुनौती देते रहे है।

अखिल गोगई की बढ़ती ताकत और लोकप्रियता से घबराकर प्रदेश की भाजपा सरकार किसान आंदोलन का दमन करने, किसानों को भयभीत करने लिए उन्हे प्रताड़ित करने का हथकंडा अपना रही है।

अखिल गोगई और कृषक संग्राम संघर्ष समिति, गांधीवादी तरीके से आंदोलन करने वाला संगठन है। उनके किसी भी बयान को हिंसा और राष्ट्रद्रोह से जोड़ना गलत है।

सरकारों या सत्तारूढ़ दल का विरोध राष्ट्रद्रोह की श्रेणी में लाना सरकार की लोकतंत्र विरोधी मानसिकता का द्योतक है। भारत का संविधान देश के हर नागरिक को स्वतंत्र अभिव्यक्ति का अधिकार देता है तथा कोई भी सरकार विपक्षियों को भी इस अधिकार का उपयोग करने से नहीं रोक सकती। किंतु सत्तारूढ़ भाजपा सरकार तमाम संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करते हुए देश में हर जगह आंदोलन कर रहे किसानों के रूप बर्बर दमन कर रही है। चाहे वह मध्यप्रदेश का मंदसौर हो या फिर छत्तसीगढ़ हर जगह किसानों को आंदोलन करने की एवज में लाठी-चार्ज और जेल का शिकार होना पड़ रहा है। असम के किसान आंदोलन के नेता अखिल गोगई की गिरफ्तारी इसी प्रक्रिया की एक कड़ी है।

किसानों के साथ किया जा रहा यह सुलूक सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के कॉर्पोरेट चरित्र को स्पष्ट करता है। असम सरकार की कायराना कार्यवाही की निंदा करते हुए किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय, समाजवादी समागम, नशा मुक्त भारत आंदोलन के संयोजक, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम ने किसान नेता अखिल गोगई की तत्काल बिना शर्त रिहाई की मांग की है।

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