संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसानों का मध्य प्रदेश विधानसभा पर विशाल प्रदर्शन

किसान संघर्ष समिति ने छिंदवाड़ा जिले में अडानी पेंच पॉवर प्रोजेक्ट, एस. के. एस. प्रोजेक्ट, मैक्सिको प्रोजेक्ट को रद्द करने तथा 50 गांवों के 50,000 किसानों को उनकी जमीन वापस देने की मांग करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा पर 23 फरवरी 2012 को विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया।

हजारों किसान सुबह ही शाहजहानी पार्क पर एकत्रित हो गये फिर वह विधानसभा की तरफ बढ़ने लगे। किसानों के इस जुलूस को नीलम पार्क पर पुलिस द्वारा रोकने पर किसानों ने वही धरना दिया जो शाम तक चलता रहा। इस मौके पर एनएपीएम के राष्ट्रीय संयोजक मधुरेश कुमार ने सम्बोधित करते हुए कहा कि एनएपीएम के 250 जन आंदोलन किसान संघर्ष समिति के साथ हैं। इस मौके पर किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष तथा भूतपूर्व विधायक डा0 सुनीलम ने मध्यप्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार को बिना ग्रामसभा की मंजूरी के भूमि अधिग्रहण नहीं करना चाहिए और साथ ही जल्द से जल्द सरकार द्वारा विधानसभा में इस संबंध में विधेयक लाने तथा पारित करने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने केन्द्रीय सरकार द्वारा प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण बिल में भी इसे जोड़ने की मांग की।
इससे पहले 9 फरवरी 2012 को छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश), पेंच परियोजना प्रभावित किसानों ने भ्ूामि अधिग्रहण तथा राज्य की दमनकारी नीतियों के खिलाफ संसद तथा विधानसभा पर विशाल प्रदर्शन करने का निर्णय लिया था। यह निर्णय किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित जम्होड़ीपंडा मे ंपेंच परियोजना के प्रभावित किसानों की महापंचायत में लिया गया था।
इस परियेाजना के तहत छिंदवाड़ा में अडानी पॉवर लिमिटेड कंपनी के साथ राज्य सरकार ने 1320 मेगावाट क्षमता का कोयले के ईंधन पर आधारित थर्मल पॉवर प्लांट लगाने का एक समझौता किया है। इस परियोजना के लिए पेंच नदी से पानी लिया जायेगा। इस परियोजना के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 24 साल पहले जमीन का चिन्हीकरण किया गया था, मगर सरकार इस जमीन पर कब्जा नहीं ले पायी है। स्थानीय गांव वाले इस जमीन पर लगातार खेती कर रहे थे। दो साल पहले ही प्रशासन ने स्थानीय गांववालों को जमीन खाली करने का दुबारा से नोटिस दिया तभी से गांव वाले लगातार प्रस्तावित पेंच परियोजना का विरोध कर रहे हैं वह इस पॉवर प्लांट के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते।
पेंच परियोजना के खिलाफ किसान संघर्ष समिति ने पिछले साल 28-31 मई 2011 में एक पदयात्रा का आयोजन भी किया था। इस दौरान अडानी पॉवर लिमिटेड के हथियार बंद गुंडों ने किसान संघर्ष समिति के संस्थापक डा0 सुनीलम तथा आराधना भार्गव पर हमला भी किया।
जम्होड़ीपंडा में आयोजित इस महापंचायत में किसानों ने बताया कि आज तक पेंच परियेाजना से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी ग्रामसभा को नहीं दी गई है और न ही लिखित तौर पर मुआवजे की दर के सम्बन्ध में कोई अधिकारी जानकारी उपलब्ध कराने को तैयार हैं। किसानों ने बताया कि अधिकारी पुलिस वालों के साथ आकर एक ही बात कहते हैं कि यदि तुमने मुआवजे का चैक नहीं लिया तो तुम्हें जेल में डाल दिया जायेगा तथा बाद में चैक भी नहीं मिलेगा। इसके बावजूद बाम्हनवाड़ा के किसानों ने ग्रामसभा में फैसला करके पेंच परियोजना के लिए अपनी जमीन देने तथा मुआवजे का चैक लेने से इंकार कर दिया है।
डा0 सुनीलम ने महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार जनहित के नाम पर किसानों से जमीन लेकर उसका इस्तेमाल व्यापारिक उद्देश्य से गैर कानूनी तरीके से करना चाहती है, पूंजीपतियों को मुनाफा देने के लिए किसानों को बर्बाद नहीं होने दिया जायेगा।

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