संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव के नाम जनसुनवाई पर आपत्ति पत्र-

झारखंड के पोटका प्रखंड के लोग पिछले सात वर्षों से भूषण कंपनी का
कारखाना लगने का विरोध करते आ रहे हैं। इस विरोध के बावजूद भी प्रदूषण नियंत्रण
परिषद ने प्रस्तावित भूषण पावर एंड स्टील प्लांट के लिये 24 सितंबर को जनसुनवाई का
आयोजन किया जिसका पोटका प्रखंड के लोग शुरू से ही विरोध कर रहे थे कंपनी ने अभी तक
जितनी जमीनें दखल की हैं वे विवादग्रस्त जमीनें हैं। वनभूमि, सड़कों की जमीनें भी इनमें शामिल हैं। सी.एन.टी. एक्ट और 5वीं अनुसूची का
उल्लंघन करके जमीनें कब्जा की गयी हैं। यह सरासर धांधली है। पोटका प्रखंड के लोग
इसका हर तरह से विरोध कर रहे है. भूषण स्टील के प्लांट के खिलाफ 22 सितंबर से
धरना  जारी  है. पेश है गणराज्य एवं विस्थापन विरोधी एकता
मंच का पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव के नाम जनसुनवाई पर आपत्ति पत्र-


सेवा में,
       सचिव महोदय       पर्यावरण एवं वन मंत्रालय       भारत सरकार, नई दिल्ली,
 
विषय: विगत 24 सितम्बर 2012 को पूर्वी
सिंहभूम (झारखण्ड) में स्थित पोटका में भूषण पावर एवं स्टील  कम्पनी कि जनसुनवाई के सम्बन्ध में।                 
महोदय,
हम पोटका अंचल में अवस्थित गाँव –
गणराज्य एवं विस्थापित विरोधी एकता मंच, विभिन्न ग्राम  सभाओं के सदस्यों
द्वारा उपरोक्त विषय पर आप का ध्यान आकृष्ट करते हुए निन्नलिखित तथ्यों को आप के
समक्ष प्रस्तुत करते हैं कि:-

  • यह क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण तथा संविधान में उल्लेख
    5वीं अनुसूची क्षेत्र के रूप में मान्यता दिया गया है। यह सामान्य कानून से वर्जित
    क्षेत्र है जहाँ CNT Act, Rural Police Act, विल्किल्सन
    रूल्स, समता जजमेंट, रामी रैड्डी
    जजमेंट, पेसा कानून आदि महत्वपूर्ण कानूनों का प्रावधान है।
  • यहाँ जमीन की खरीद – बिक्री पर सख्त पाबन्दी है तथा जमीन का हस्ताक्षर
    किसी भी कीमत पर नहीं होता है। अतः टाटा स्टील जैसे बड़ी कम्पनी भी इस क्षेत्र में
    अभी तक जमीन नहीं खरीद सकी है, तो भूषण स्टील की बात कहाँ से
    आती है।
  • RTI
    के तहत् श्री सुनील कुमार सिंह भू अर्जन पदाधिकारी, आदित्यपूर, जमशेदपूर Qr, No 257/2/3
    Road No-6 Adityapur 
    ने अपने ज्ञापन सं0206/ भू0 अ0 दिनांक 19.09.2012 द्वारा
    जानकारी प्रदान किया गया कि ¼a½ भूषण कम्पनी के लिए अभी तक
    जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है। ¼b½ वर्तमान में कम्पनी के MOU
    विस्तार से सम्बन्धित प्रमाण पत्र अप्राप्त है। ¼c½ प्रमाणित ग्राम रोलाडीह, पोटका, जुड़ी, खड़ियासाई, टांगोर साई के
    लिए कार्रवाई की जा रही हैं।
  • यहाँ भूषण कम्पनी के नाम जमीन ही नहीं है तो यह जन सुनवाई का कारवाई कैसे
    किया गया।
  • इस पत्र में कोई पत्रांक संख्या एवं तिथि अंकित नहीं है तथा सदस्य सचिव के
    हस्ताक्षर पर भी कोई तिथि अंकित नहीं है। इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह महज एक
    फर्जी नोटिस है जिससे भोले – भाले आदिवासी जनता को गुमराह करने का कोशिश किया गया
    है।
  • उपरोक्त नोटिस स्थानीय दैनिक प्रभात खबर, जमशेदपुर
    एडीशन तिथि 25 अगस्त 2012  को जनसुनवाई के
    लिए प्रकाशित किया था।
  • जनसुनवाई के एक दिन पूर्व 23 सितम्बर 2012 को पोटका थाना प्रभारी अंचल
    अधिकारी संजय संडिल द्वारा प्रभावित क्षेत्र के पोटका अन्तर्गत रोलाडीह ग्राम में
    अपनी पूरी टीम के साथ बन्दुक, कारबाईन, तथा आधुनिक हाथियार से लैस होकर भोले – भाले निहत्थे ग्रामीणों को जान से
    मारने का धमकी दिया कि यदि वे आगामी जनसुनवाई में जायेंगे तो उन्हें गोली से भून
    दिया जायेगा।
  • उक्त जनसुनवाई में भाग लेने हेतु आस-पाड़ोस के ग्रामीण उस दिन शान्तिमय
    लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत् भूषण पावर स्टील के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन कर
    रहे थे। वैसी स्थिति में भी पुलिस बल ने निहत्थे ग्रामीणों, आदिवासियों
    एवं महिलाओं के ऊपर लाठी – चार्ज किया तथा रिवल्वर तान कर गोली मारने की धमकी दी।
    अतः ऐसी जनसुनवाई का क्या औचित्य होगा।

पता चला है कि भूषण पावर एवं स्टील
कम्पनी को उद्योग बैठाने के लिए झारखण्ड राज्य प्रदुषण नियंत्रण कंट्रोल पर्षद
द्वारा किसी प्रकार का अनियमित प्रमाण पत्र नहीं दिया गया है। भूषण कम्पनी ने जिस
स्थान पर चहारदीवारी का निमार्ण किया है, वह जमीन भी उसके नाम पर नहीं है। पता चला है कि उस जमीन को पी0 डब्ल्यू0
डी0 विभाग द्वारा हाता – मुसाबनी मार्ग के लिए भू अद्यिग्रहण किया गया है और भूषण
कम्पनी ने गैर कानूनी ढंग से दीवाल निमार्ण किया है।
यह भी ज्ञात हुआ कि स्थानीय पोटका
गाँव निवासी श्री उत्पल मंडल और अन्य 93 ग्रामीणों के रैयती जमीन को भी अवैध रुप
से चहारदीवारी के अन्दर रख लिया है। इस विषय पर श्री उत्पल मंडल ने पोटका अंचल के
अंचलाधिकारी को विगत 2 सितम्बर 2011 को पत्राचार कर अवगत कराया है.अतः आप से अनुरोध है कि आप अपने स्तर
में उक्त विषय पर हस्तक्षेप कर उचित कार्रवाई करने की कृपा करें। धन्यवाद ! प्रतिलिपि प्रेषित:-                                                     महामहिम राज्यपाल                                                 
राजभवन, राँचीक्षेत्रीय कार्यालय वन पर्यावरण
मंत्रालयचन्द्रशेखरपुर, भुवनेश्वर आपका विश्वासीकुमार चंद मार्डी

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