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बांध विरोधी आंदोलन
आखिर दिल्ली की प्यास कब बुझेगी?
दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और बाँध परियोजनाओं के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए प्रस्तावित रेणुकाजी बांध परियोजना के जबरर्दस्त विरोध के बावजूद हाल ही में एक और किशाउ बांध परियोजना पर समझौता हुआ हैं जिसका मुख्य उदेश्य दिल्ली को पानी पिलाना हैं. किशाउ…
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इंदिरा सागर बांध: प्रत्याशियों से पुनर्वास पर रुख स्पष्ट करने को कहा लोगों ने
आगामी मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के पूर्व इंदिरा सागर प्रभावितों ने नर्मदा बचाओ आन्दोलन के तहत खंडवा,…
डिमना बांध : हम तो लड़ेंगे साथी, हम न डरेंगे !
गुजरी 30 सितम्बर से 2 अक्टूबर 2013 तक झारखण्ड के जमशेदपुर शहर के पास डिमना बांध के विस्थापितों…
डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह
टाटा कंपनी को कालीमाटी से कोरस तक पहुंचने में डिमना बांध के विस्थापितों का क्या योगदान है, किसी को भी पूछा जाय तो स्पष्ट रूप से जवाब आयेगा कि डिमना बांध विस्थापितों ने टाटा कंपनी के विकास के लिए अपने पूर्वजों के गांव को त्याग कर जमीन दिया। बांध से 12 मौजा जलमग्न हैं। विस्थापित परिवार दलमा के तराई पर बसने के लिए मजबूर हुए। आज भी देखा जा सकता है…
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डिमना बांध के विस्थापितों का जल सत्याग्रह
जल जंगल जमीन की लूट, नहीं किसी को इसकी छूट।
अतीत के विस्थापितों को न्याय चाहिए, डिमना बांध के…
डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह शुरू
डिमना डेम के पहले यहाँ 12 गाँव हुआ करते थे। जो आज भी हैं बसे हैं पर दुसरी जगह पर । आज जिस तरह से लोग विस्थापन…
सरदार सरोवर बांध : खामियाजा भुगतती नर्मदा घाटी
सरदार सरोवर बांध जलाशय की डूब में आए 200 से अधिक गांवों के लाखों नागरिक पिछले तीन दशकों से मांग कर रहे हैं कि उन्हें पूर्व निर्धारित शर्तों के अनुरूप मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। लेकिन विभिन्न राज्यों की सरकारें सर्वोच्च न्यायालय एवं ट्रिब्यूनल के फैसलों को नजरअंदाज कर मनमानी कर रही हैं। अपनी मूल लागत में 18 गुना वृद्धि के बावजूद बांध निर्माण जारी…
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ओम्कारेश्वर बांध : घोघलगाँव में प्रभावितों की सभा और आन्दोलन की घोषणा
ओम्कारेश्वर परियोजना प्रभावित गांव घोघलगाँव में 30 मई को हजारों प्रभावितों ने रैली निकालकर आमसभा की. सभा में…
लोअर सुकतेल: बर्बर दमन, बहादुराना प्रतिरोध और व्यापक समर्थन
दिल्ली के उड़ीसा भवन पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने बलांगीर जिले के मगुरबेडा गांव में…
जेपी कंपनी के कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट का बांध तोड़ने का आदेश, 5.19 लाख का जुर्माना
किन्नौर एसडीएम कोर्ट का फैसला :जेपी कंपनी के कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट का बांध तोड़ने का आदेश, 5.19 लाख का जुर्माना
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के भावानगर एसडीएम कोर्ट ने 19 मार्च को जेपी कंपनी की ओर से बनाए गए 1000 मेगावॉट के कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट के बांध के आधे निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए हैं। बांध पर करीब 100 करोड़ रुपए…
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