संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

उत्तर प्रदेश : नदी कटान से बेघर व भूमिहीन होते लोग

उत्तर प्रदेश के लगभग 20 जिलों में नदी कटान और उससे होने वाले विस्थपान की समस्या अब विकराल रूप ले चुकी है। लखीमपुर खीरी, सीतापुर, पीलीभीत, हरदोई, देवरिया, गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, गाजीपुर, गोंडा, बहराईच, संत कबीर नगर, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, उन्नाव, कुशीनगर, महराजगंज इत्यादि जिलों में हर साल सैकड़ों परिवार विस्थापन का शिकार हो रहे हैं।

इस विकट होती परिस्थिति में सबसे दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि प्रशासन की तरफ से इन बेघर हो रहे लोगों के लिए कोई पुख्ता पुनर्वास इंतजाम नहीं है। हर साल बेघर हो रहे परिवारों तथा नदी की धार में समा रही उपजाऊ कृषि भूमि की तरफ प्रशासन आंखे मूंदे बैठा है।

4 अक्टूबर 2018 को नदी कटान रोको संघर्ष मोर्चा, सीतापुर द्वारा बिसवां में सैकड़ो साथियों के साथ SDM को ज्ञापन दे कर नदियों के कटान में कट रही जमीनों के लिये उचित मुआवजे की माग की गई और प्रशासन को बताया गया की 3000 हजार प्रति बीघे की भीख हमको स्वीकार नही है।

नदी में कट के दूसरे किनारे पर निकली हमारी जमीनों पर भूमाफियों का कब्जा है । लगातार 2012 से हम सब तहशील प्रशासन से जिला प्रशासन तक प्रयास किये गए पर हालात जस के तस ही है।

पिछले 3 सालों से जो भी जमीने कटी थी उनका मुआयजा आज तक नही आया हम सब के पास आंदोलन के सिवा दूसरा कोई रास्ता नही है और हम लड़कर अपना हक लेंना जानते है।

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