संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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डिमना बांध

झारखण्ड : 23 बैठकों के बाद भी नहीं सुलझ सके डिमना बांध विस्थापितों के मुद्दे

सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लिए गए डिमना डैम की ज़मीन को टाटा कंपनी अपनी निजी जमीन की तरह मानती है। शहर को पीने का पानी देने वाले स्रोत क्या टाटा कंपनी के हो सकते है? फिर आखिर क्यों टाटा कंपनी को लीज पर मिली ज़मीन को कंपनी अधिकारी अपना मान बैठे हैं? विस्थापितों को मूल सुविधाओं से वंचित क्यों किया जा रहा है? इन सवालों को लेकर डिमना डैम के विस्थापितों…
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डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह

टाटा कंपनी को कालीमाटी से कोरस तक पहुंचने में डिमना बांध के विस्थापितों का क्या योगदान है, किसी को भी पूछा जाय…

डिमना बांध के विस्थापितों का जल सत्याग्रह

जल जंगल जमीन की लूट, नहीं किसी को इसकी छूट। अतीत के विस्थापितों को न्याय चाहिए, डिमना बांध के विस्थापितों को न्याय चाहिए। टाटा कंपनी द्वारा डिमना बांध से किए गये विस्थापितों के न्याय के लिए जल सत्याग्रह स्थान - डिमना बांध, हैलीपैड पिकनिक स्थल के…
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डिमना बांध : टाटा के विरोध में विस्थापितों का जल सत्याग्रह शुरू

डिमना डेम के पहले यहाँ 12 गाँव हुआ करते थे। जो आज भी हैं बसे हैं पर दुसरी जगह पर । आज जिस तरह से लोग विस्थापन…