संसद किसान मार्च 10 अगस्त 2015
जरा सोचिये …….। चालीस सालों में गेहूं सात गुना बढ़ा, लेकिन सोना नब्बे गुना, साबुन अस्सी गुना, नमक चालीस गुना, ट्रेक्टर बारह गुना महंगा हुआ, देश का हर किसान पचास हज़ार रूपये का कर्जदार है, पांच लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों का खून बहाया जा रहा है । ऐसा सरकारों कि किसानी कि नीति को ख़त्म करने के कारण हुआ है । देश के किसान इन तमाम सवालों पर जवाब जानने 10 अगस्त को संसद का घेराव करेगें । पेश है किसान संघर्ष समिति के वरिष्ठ साथी डॉ सुनीलम का वक्तव्य;
प्रिय साथियों,
जिंदाबाद !
किसान संघर्ष समिति द्वारा, स्वराज अभियान के जय किसान आन्दोलन को समर्थन करने का निर्णय लिया गया है, देश के सौ से अधिक किसान संगठन, जय किसान आन्दोलन का समर्थन कर रहे हैं। आन्दोलन के तहत 1 अगस्त 2015 से ग्राम टिकारीवाल, बरनाला, पंजाब से ट्रेक्टर किसान मार्च शुरू किया जा रहा है जो 10 अगस्त को संसद पर पहुंचेगी। किसान संघर्ष समिति द्वारा मध्य प्रदेश में कटनी से डॉ. ए. के. खान (प्रदेश उपाध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य) के नेतृत्व में ललकार यात्रा शुरू कि जा चुकी है ।
किसानों कि मांग है कि –
- भूमि अधिग्रहण अध्यादेश रद्द करो। गत 68 वर्षों में किये गए अधिग्रहण का हिसाब दो, अब तक उपयोग में नहीं लाइ गई जमीनों को किसानों को वापस करो, बिना ग्राम सभा कि अनुमति के कृषि भूमि का अधिग्रहण बंद करो ।
- हर किसान परिवार को न्यूनतम प्रतिमाह कि आय शासकीय कर्मचारियों को दिए जाने वाले न्यूनतम वेतन पंद्रह हज़ार रुपये के बराबर आय कि गारंटी दो ।
- किसान को साठ वर्ष आयु के बाद दो हजार रुपये प्रतिमाह किसान पेंशन कि वयस्था करो।
- किसान कि लागत से डेढ़ गुना हर फसल का दाम (समर्थन मूल्य) देने का चुनावी वादा पूरा करो ।
- हर तरह कि फसल नुकसान का मुआवज़ा किसान के खेत की इकाई बनाकर औसत उत्पाद से जितना उत्पादन कम हुआ हो उसके बराबर कीमत का मुआवज़ा दो ।
- किसानों को समय पर एवं उचित दाम पर बीज, खाद, कीट-नाशक, बिजली, सिचाईं का पानी उपलब्ध कराओ ।
- किसानो द्वारा किये गए कुल उत्पादन कि खरीद समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा मंडी में किये जाने की व्यवस्था करो ।
- किसानों को दिए जाने वाले बोनस कि पुनः शुरुआत करो ।
जय किसान आन्दोलन के तहत देश भर के किसान अपने खेत की मिट्टी उक्त मांगों को पूरा करने के संकल्प स्वरुप कलश में इकठ्ठा कर दिल्ली लेकर आयेंगें हमारा संकल्प होगा कि हम जीते जी किसान तथा गाँव को नहीं उजड़ने देंगें, हम समृद्धि, आत्मनिर्भर, (स्वावलंबी गाँव) का निर्माण करेंगें तथा अन्नदाता के तौर पर देशवासियों को जहर मुक्त खाद्यान उपलब्ध करायेंगें ।
संसद पर किसानों को योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण, प्रो. आनंद कुमार, अजित झा, डॉ. सुनीलम एवं किसान संगठनों के नेतागण संबोधित करेंगें ।