गैरकानूनी गिरफ़्तारी के 15 वें दिन मेधा पाटकर को उच्च न्यायालय से जमानत
गैरकानूनी गिरफ़्तारी के 15 वें दिन मेधा पाटकर को इंदौर उच्च न्यायालय से मिली जमानत ,शंटू, विजय और धुरजी भाई की भी होगी कल हाई कोर्ट में सुनवाई
कड़माल के बाद बाजरिखेडा जिला धार के भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दिया पार्टी पद से इस्तीफ़ा, मध्य प्रदेश शासन की बढती तानाशाही और जनविरोधी नीतियों से थे प्रताड़ित
बडवानी, सोंदुल पट्टी, कुक्षी और मनावर में आज रखी गयी विशाल सभाएं, विस्थापितों की बिना शर्त रिहाई और स्थाई पुनर्वास की दोहराई गयी मांग
23 अगस्त 2017, बड़वानी:: 9 अगस्त से गैरकानूनी रूप से गिरफ्तार और धार जेल में बंद मेधा पाटकर को इंदौर हाई कोर्ट से आज जमानत मिल गयी है। मेधा पाटकर पर 4 झूठे मुकदमे दर्ज किये गए थे जिसमें से कुक्षी तथा धार कोर्ट ने 3 केसों में जमानत दे दी गयी थी किन्तु चौथा केस जो धारा 365 (अपहरण) का था उसको ख़ारिज कर दिया था जिसकी आज इंदौर हाई कोर्ट में जस्टिस वेद प्रकाश शर्मा की बेंच में सुनवाई हुई। वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर द्वारा केस लड़ा गया। अधिवक्ता माथुर ने कोर्ट में मेधा पाटकर का पक्ष रखते हुए कहा कि मेधा पाटकर को अपहरण करने के प्रकरण में गिरफ्तार किया गया जो कि पूरी तरह बेबुनियाद आरोप है क्योंकि जिस स्थान से अपहरण करने का आरोप लगाया गया है वह एक सार्वजनिक स्थान था और सरकारी अधिकारी वहां बातचीत करने आये थे और अनशनकारियों तथा अधिकारियों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत हुई भी थी। अधि. माथुर ने कहा कि गाँधी तथा आंबेडकर के देश में अनशन करना कोई अपराध नहीं है और इस पर अपहरण का मुकदमा लगाना असंवैधानिक है।
हाई कोर्ट की इस पूरी प्रक्रिया में अधिवक्ता अभिनव घानोत्कर तथा प्रत्युष मिश्रा का सहयोग रहा। 15 दिनों से जेल में बंद 3 अन्य विस्थापित शंटू,विजय और धुरजी भाई की भी कल 24 अगस्त को इंदौर न्यायालय में सुनवाई होगी।
नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं की इस गैरकानूनी गिरफ़्तारी के विरोध में पूरे देश में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे थे, जो कि अभी भी जारी रहेंगे जब तक कि शंटू, विजय और धुरजी भाई को भी जमानत देकर रिहा नहीं किया जाता। मध्य प्रदेश सरकार की इस तानाशाही और दमनकारी नीति का अन्तराष्ट्रीय स्तर पर तथा सोशिअल मीडिया पर भी भारी विरोध किया गया।
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का लगातार पार्टी पद से इस्तीफा-
आज जिला धार के सरदार सरोवर प्रभावित गाँव बाजरिखेड़ा के विभिन्न पदों पर आसीन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं/ सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया जिसमे कई महिलायें भी शामिल हैं, इससे पहले कड़माल गाँव के 30 से अधिक कार्यकर्ताओं द्वारा भी पार्टी का त्याग किया जा चुका है। पार्टी से अलग होने वाले इन कार्यकर्ताओं का का कहना है हम कई पीढ़ियों से भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं और पार्टी को सहयोग करते आ रहे हैं परन्तु 15 साल से प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार होने के बावजूद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विस्थापितों की लड़ाई लड़ने वाले नर्मदा बचाओ आन्दोलन से एक बार भी संवाद नहीं किया गया गया बल्कि शांतिपूर्ण आन्दोलन के कार्यकर्ताओं पर झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पार्टी कार्यकर्ताओं के बार–बार प्रशासन को अनुरोध करने के बाद भी उनसे कोई संवाद नही किया गया इसलिए अब हमारा इस पार्टी से भरोसा उठ गया है और ऐसी जनविरोधी और संवादहीन पार्टी का हम त्याग करते हैं।
नर्मदा घाटी के विभिन्न गांवों में की गयी आम सभाएं-
कुक्षी बड़वानी, सोंदुल पट्टी तथा मनावर के गांवों(अवल्दा, पिछौड़ी, निसरपुर, गांगली, एकलवारा, पेरखर, बगुद) में आज विशाल जन सभाएं की गयी जिसमें लोगों द्वारा अस्थाई पुनर्वास की बजाय स्थाई पुनर्वास की मांग की, चिट्ठियों के माध्यम से प्रधानमंत्री को सम्पूर्ण पुनर्वास करने के सन्देश भेजे गए और झूठे आरोपों में फंसाकर जेल में बंद विस्थापितों की रिहाई की मांग की गयी। प्रभावितों द्वारा सरकार को चुनौती दी गयी कि यदि केस वापस लेकर फसाए गए कार्यकर्ताओं की बिना शर्त रिहाई नहीं की गयी तो देशभर में जेल भरो रैली/आन्दोलन किया जाएगा।
राहुल यादव, अमूल्य निधि, मुकेश भगोरिया, कमला यादव, श्यामा बहन, भगीरथ धनगर
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