संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
Yearly Archives

2016

महाराष्ट्र : गड़चिरौली में ग्रामसभाओं का ऐलान जीवन और संस्कृती बचाने के लिए जान देंगे पर पहाड़ नहीं देंगे

महाराष्ट्र के गड़चिरौली जिले में जहां पर एक दर्जन से ज्यादा खदानें प्रस्तावित हैं। इन खदानों की वजह से उस इलाके के हजारों परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है साथ ही साथ वहां के पर्यावरण के नष्ट होने का खतरा भी है। इन खदानों का स्थानिक जनता जोरदार विरोध कर रही है। लोगो को बहकाने की, उन्हें खरीदने की हर एक कोशिश विफल होती देख विरोध करती…
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बिहार : भागलपुर में भूमिहीन दलित आंदोलनकारियों पर बर्बर पुलिसिया दमन

-मुकेश कुमार बिहार के भागलपुर जिले के भूमिहीन दलित वास-आवास की गारंटी, जिन भूमिहीनों को जमीन का पर्चा…

बाड़मेर में चारागाह-तालाब-श्मशान की 400 बीघा जमीन विघुत सब स्टेशन के लिए आवंटित;…

राजस्थान के सरहदी जिले बाड़मेर के कोरणा गांव की 400 बीघा गोचर (चारागाह) और तालाबों की जमीन को भाजपा…

झारखण्ड की भाजपा सरकार का एक और नया कारनामा :15 मिनट की जनसुनवाई में 1700 एकड़ जमीन अडानी के हवाले

झारखण्ड के गोड्डा जिले के मोतिया गांव में अडानी पावर प्लांट को दी जा रही 1700 एकड़ जमीन के खिलाफ ग्रामीणों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए प्रशासन ने 6 दिसंबर 2016 को गोड्डा में जनसुनवाई आयोजित की। इस जनसुनवाई के खिलाफ हो रहे विरोध को ही अपना हथियार बना प्रशासन ने न सिर्फ जनसुनवाई को बीच में ही रोक दिया बल्कि ग्रामीणों पर बर्बर लाठी चार्ज भी…
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झारखण्ड : 12 साल से मुआवजे को तरस रहे ललमटिया के आदिवासी

-मणि भाई झारखण्ड के गोडा जिले के ललमटिया स्थित राजमहल कोयला खदान परियोजना के नाम पर जमीन देने वाले आदिवासी आज…

भोपाल गैस त्रासदी के 32 वर्ष : हजारों जानों के कातिल डाउ कंपनी को फिर न्यौता दे आए…

2 दिसंबर 2016 को भोपाल गैस त्रास्दी को 32 साल पूरे हो गए। 1984 में इसी दिन मध्य प्रदेश के भोपाल में स्थित…

किसानों पर जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : किसान संघर्ष समिति नवलगढ़

30 नवंबर को राजस्थान के झुंझुनू जिले के नवलगढ़ तहसील की काली ढाणी में प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्रियों के कुछ गुण्डों तथा पुलिसकर्मियों ने खेतों में काम कर रहे लोगों के साथ मार-पीट की। गांववालों के अनुसार महिलाओं के साथ मार-पीट भी की गई। गौरतलब है कि नवलगढ़ में तीन सीमेंट फैक्ट्रियां प्रस्तावित है। जिसके विरोध में वहां के स्थानीय किसान…
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सीएनटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ झारखण्ड बंद : कॉर्पोरेट लूट के खिलाफ जनता का…

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र में आने के बाद से ही भाजपा सरकार ने इस देश की समस्त प्राकृतिक संपदा को…

मध्य प्रदेश : दोबारा विस्थापित आदिवासियों को खानाबदोश करने की तैयारी

-दीपक ‘विद्रोही’ बार-बार अपना घर छोड़कर जाना, फिर से नए आशियाने की तलाश और जिंदगी को फिर से पटरी पर दौड़ाने की…

उत्तर प्रदेश : जबरन भूमि अधिग्रहण के खिलाफ किसानों की वाराणसी में विशाल जनसभा; 3 दिसंबर, 2016

नरेंद्र मोदी ने केंद्र में सत्ता संभालने के साथ ही देशी-विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने तथा कॉर्पोरेट के मुनाफे की वृद्धि के लिए कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। इसी कोशिश में वह ईस्टर्न तथा वेस्टर्न दो फ्रेट कॉरिडोर की अवधारणा लेकर आए जिसके तहत मालों की आवाजाही के लिए कॉरिडोर तथा उसके आस-पास औद्योगिक क्षेत्रों का विकास करना था जिससे कि विदेशी…
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