झारखण्ड बंद : सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ 25 नवम्बर 2016 को
झारखण्ड की भाजपा सरकार द्वारा सीएनटी/एसपीटी एक्ट संशोधन बिल 23 नवम्बर को तमाम विरोध के बावजूद विधानसभा में पारित किए जाने के विरोध में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने 25 नवंबर को ‘झारखंड बंद’ की घोषणा की है। विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है । प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत, राजद के प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, जदयू के प्रदेश अध्यक्ष जलेश्वर महतो आदि नेताओं ने कहा कि आज का दिन काला दिन रहा। सरकार ने बिना सहमति के सीएनटी/एसपीटी संशोधन बिल पास किया। किसी तरह गलत हथकंडे अपना कर बिल पास तो कर लिया गया। लेकिन इसे अमली जामा गांव के ग्रामीण ही पहनाएंगे। पूरे राज्य में आक्रोश व्याप्त है।
झारखण्ड बंद में सारे विपक्षी दल शामिल रहेंगे। मासस ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की। इसके पूर्व प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विपक्षी दल के नेता राज्यपाल से भी मिलने गये। राज्यपाल को बताया गया कि अनैतिक तरीके से बिल को पास किया गया है, इसके लिए विधान सभा का कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग देखी जाए।
‘आदिवासी संघर्ष मोर्चा’ ने किया बंद का समर्थन
आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने 25 नवंबर के झारखंड बंद का समर्थन किया है। उक्त जानकारी देते हुए कहा कि मोर्चा के संयोजक डॉ. करमा उरांव ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी के आग्रह पर फैसला लिया गया कि मोर्चा प्रत्यक्ष रूप से बंद का समर्थन करेगा।
इधर आदिवासी जन परिषद के नेता प्रेमशाही मुंडा ने भी बंद का समर्थन करने की घोषणा की है। श्री मुंडा ने कहा कि बंद के दिन कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे।