पेंच बांध : आदिवासियों के 30 गाँव पानी में डूबोने के लिए जिला प्रशासन ने धारा 144 से कसा शिकंजा; गांवों में पुलिस बल तैनात
मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में 8 जुलाई 2016 को किसान संघर्ष समिति द्वारा लगातार बारिश के बीच बारहबिरहारी ग्राम का भ्रमण किया गया।आज बिजली विभाग द्वारा गांव की लाईट काट दी गई, ट्रासंफारमर निकाल दिया गया, गांव में घोर अधंरा है। ग्राम के मजदूरी करने वालो के पास मकान बनाने के लिये पैसे नही है।75 हजार से लेकर तीन लाख रुपया मकान बनाने के लिये मुआवजा दिया गया ,जिससे केवल मकान की नीव बन सकी ।अब गांव वालो के पास खाने को अनाज नही है।पुनर्वास स्थल पर लाईट नही है,पीने का पानी नही है।चारो तरफ गन्दगी है, महांमारी फेलने की संभावना बनी है।रोजगार की कोई व्यवस्था पुनर्वास स्थल पर नही है,कभी भी गाव डूब सकता है ,गावो में पुलिस कार्यवाहो ( ग्रामीणो को खदेड़ने के लिए) पुलिस बल तैनात है।।ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है ।
आज तक गांव के लोगो का पुनर्वास नही हुआ है ,मुआवजे की राशी नही दी गई है, कुआं नलकूप पाईप लाईन का मुआवजा भी नही दिया है, आदिवासीयों को जमीन के बदले जमीन नही दी गयी है । पुर्नवास स्थल पर पानी, बिजली की कोई व्यवस्था नही की गई है विस्थापित परिवारों को जल समाधी लेंने पर मजबूर किया जा रहा है।यह स्थिति पेंच व्यपवर्धन परियोजना के विस्थापित होने वाले 50 गांवों और 50,000 ग्रामवासियों की हालत दर्शाती है । माचागोरा बांध का पानी अडानी को दिया जाना है जबकि जमीन सिंचाई परिजोयना के नाम से अधिग्रहण की गई है। संघर्ष में आपका सहयोग अपेक्षित है।
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एडवोकेट आराधना भार्गव
उपाध्यक्ष,
किसान संघर्ष समिति
09425146991