एटा-सिंगरासर माइनर नहर आंदोलन : थर्मल पॉवर स्टेशन का घेराव करने निकले 54 गांवों के किसान, धारा 144 लागू
राजस्थान के श्रीगंगानगर में एटा सिंगरासर माइनर नहर निर्माण की मांग को लेकर एक बार फिर टिब्बा क्षेत्र के ग्रामीण और पुलिस प्रशासन 5 फ़रवरी 2018 को आमने-सामने आ गए हैं। संघर्ष समिति की सूरतगढ़ सुपर थर्मल स्टेशन के घेराव की घोषणा के चलते किसी भी तरह के टकराव को टालने के लिए प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं। जबकि संघर्ष समिति के अगुआ नेताओं ने ऐलान किया है कि अपने हक हकूक से जुड़ी मांग को पूरा करवाने के लिए धारा 144 तो बहुत छोटी बात है, कर्फ्यू तक की धज्जियां उड़ा दी जाएगी क्योंकि यह निर्णायक लड़ाई है और ग्रामीण मंडल के लिए कुर्बानी देने को तैयार हैं।
संघर्ष समिति के सोमवार को थर्मल स्टेशन का घेराव की घोषणा के चलते प्रशासन ने थर्मल क्षेत्र के चारों ओर 100 मीटर परिधि में परियोजना क्षेत्र, एस्सार पेट्रोल पंप के सामने आवासीय कॉलोनी की दीवार तक शनिवार शाम 6 बजे से निषेधाज्ञा लागू कर दी है।
इसके तहत कोई भी ग्रामीण हथियार या कृषि यंत्र के साथ निषेधाज्ञा क्षेत्र में नहीं जा पाएगा। इसके अलावा कार्यपालक मजिस्ट्रेट विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं। अतिरिक्त कलेक्टर चांदमल वर्मा प्रशासनिक व्यवस्थाओं की कमान संभालेंगे। जबकि पुलिस अधीक्षक हरेन्द्र महावर रविवार शाम से ही थर्मल पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। थर्मल की बेरीकेटिंग करवाने के साथ करीब 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी विभिन्न स्थानों पर तैनात किए गए हैं।
संघर्ष समिति के नेता भी अधिकाधिक भीड़ जुटाने के लिए रात्रि तक जनसंपर्क में जुटे हुए थे। साथ ही थर्मल गेट तक पहुंचने के लिए गुप्त रणनीति बनाई है। समिति संयोजक राकेश बिश्नोई ने बताया कि सोमवार को टिब्बा क्षेत्र के दर्जनों गांवों से ग्रामीण ठुकराना में एकत्रित होंगे। वहां से सुबह 11 बजे थर्मल की तरफ कूच किया जाएगा।
ज्ञात रहे कि आठ माह पहले प्रशासन से वार्ता के बाद स्थगित हो गया था। सिंचाई मंत्री ने संघर्ष समिति को लिखित में आश्वासन दिया था कि आईजीएनपी में आठ माह में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होने के बाद राज्य सरकार प्राथमिकता से इस क्षेत्र की सिंचाई पानी की समस्या का समुचित समाधान करवाएगी।
लिखित आश्वासन के बाद आंदोलन के अगुवा नेता पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल ने आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की। साथ ही कहा कि आठ महीने में सरकार ने मांग पूरी नहीं की तो पुन: आंदोलन किया जाएगा। इससे पहले रविवार दोपहर करीब बारह बजे प्रशासन के साथ संघर्ष समिति का वार्ता का पहला दौर चला। पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, संघर्ष समिति के संयोजक राकेश बिश्नोई, माकपा जिला सचिव श्योपत मेघवाल, ओम राजपुरोहित, मंगेज चौधरी, डूंगरराम गेदर, सोहन ढील, अमित कड़वासरा, सत्यप्रकाश सिहाग, गौरीशंकर थोरी सहित कई नेताओं को दोपहर में आईजी गिर्राज मीणा ने फरीदसर रेलवे अण्डरब्रिज के पास वार्ता के लिए बुलाया। तब वहां श्रीगंगानगर एसपी राहुल कोटोकी, हनुमानगढ़ एसपी गौरव यादव, बीकानेर एसपी अमनदीपसिंह और उपखण्ड अधिकारी रामचंद्र पोटलिया आदि मौजूद थे। उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति की ओर से तैयार किया गया ड्राफ्ट सरकार को भेज दिया है। उसमें कमेटी का कहीं जिक्र नहीं है। वहां से स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इसके बाद सिंचाई मंत्री उन्हें लिखित में पत्र भिजवा देंगे।
साभार : न्यूज़ 18