आस्ट्रेलिया में अडानी की कोल खनन परियोजना के खिलाफ हजारों लोग सड़क पर उतरे
मोदी के चहेते अडानी ने आस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में कोयले की जिस खदान के लिए ठेका पाया है, वह वहां के स्थानीय वांगन और जगालिंगौ मूलनिवासियों की ज़मीन, पर्यावरण और ज़िंदगी और तहस-नहस कर देने वाला है। साथ ही, दुनिया के दुर्लभ आकर्षणों ‘ ग्रेट बैरियर रीफ’ – सदियों तक जीवाश्मों और मूँगे के इकट्ठा होने से निर्मित होने वाली नाज़ुक समुद्रतटीय बनावट – को भी खतरा पहुंचने वाला है। आस्ट्रेलिया के शासकवर्ग – डेढ़ से दो सौ साल पहले यूरोप से आए श्वेत लोगों – ने पुराने कबीलों के साथ न सिर्फ अतीत में बर्बर व्यवहार किया बल्कि अब लोकतंत्र और घोषित बराबरी के बावजूद उनको हाशिये पर धकेले हुए हैं।
इसीलिए उनकी ज़िंदगी और प्राकृतिक सम्पदा का सौदा अडानी के साथ करने में उनको कोई हिचक नहीं हुई। इस मुद्दे से जुडी यह बात भी अहम है कि लगभग सभी अंतर्राष्ट्रीय बैंकों द्वारा इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी को उधार देने से मना करने पर नरेंद्र मोदी ने भारतीय नागरिकों का पैसा इस परियोजना के लिए सस्ते दर पर उपलब्ध कराया है। अडानी को यह सुविधा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के सस्ते लोन के माध्यम से दी जा रही है। यह खुला भ्रष्टाचार है।