जेल से डॉ. सुनीलम की चिट्ठी
प्रिय साथियो,
आपको फैसले के संबंध मे पता चल गया होगा, मुझे इन्स्पेक्टर सरनाम सिंह को जलाकर मारने, टीआई एस.एन.कटारे की राइफल छिनकर जानलेवा हमला करने तथा राइफल लेकर भाग जाने तथा फायर बिग्रेड के ड्रायवर धीरसिंह की 5 बार सर पर पत्थर मारकर हत्या करने के प्रकरणो मे सजा सुनाई गई है। आप जानते ही है कि ना ये घटनाये हुयी और न ही हम इन घटनायो मे शामिल थे। मेरे साथ शेषराव सूर्यवंशी परमंडल और प्रहलाद अग्रवाल मुलताई को सजा सुनार्इ्र गई है। प्रहलाद सेठ का दोष यह है कि उन्होने मूझे नर्मदा धर्मशाला मे तथा शेषराव का दोष यह है कि उन्होने मुलताई गोलीचालन पर आल्हा गाया। हम तीनो मुलताई जेल मे है । हम सजा को लेकर ना तो चिंतित है न दुःखी जिस तरह आजादी की लड़ाई के दौरान लाखो देश भक्तो ने सजा काटी थी, वैसे ही हमे किसान आंदोलन चलाने की सजा दी गई है । हमे केवल सजा इसलिए दी गई क्योकि हमने 1997 मे जब किसानो की फसले खराब हुई तब हमने किसानो के राजस्व के मुआवजे के लिए तथा फसल बीमा के मुआवजे के लिए किसान संघर्ष समिति गठित कर संघर्ष किया।
आप सब को याद होगा कि 12 जनवरी 1998 को कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मेरी हत्या के उद्देश्य से तथा किसान आंदोलन को कुचलने के लिए किसानो का नरसंहार कराया था। आप की दुआओं से मै बच गया तब मुझे तथा 250 आंदोलनकारियो किसानो को 66 फर्जी मुकदमो मे फसाया था। 14 साल तक अदालत के चक्कर कटवाने के बाद फर्जी गवाहियो के आधार पर सजा कराई है। अर्थात दिग्विजय सिंह के सपने को अमली जामा पहनाने का काम भाजपा के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने किया है। अगर मुख्यमंत्री चाहते तो जिस तरह उन्होने भाजपा कार्यकर्ताओ के 1 लाख 76 हजार मुकदमे वापस लिये, हमारे मुकदमे भी वापस ले सकते थे। लेकिन उन्होने कांग्रेस तथा अडानी कम्पनी का एजेन्ट बनकर हमे सजा कराई, जिसका मुख्य उददेश्य यह है कि किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व मे जो आन्दोलन पेंच परियोजना, अदानी पेंच पॉवर प्रोजेक्ट मे किसानो की जमीने बचाने के लिये चल रहे संघर्ष को कुचला जा सके। मतलब यह कि हमे जेल भिजवाकर अदानी प्रोजेक्ट को पूरा करा सकें। दूसरा उददेश्य था कि सजा करा कर मुझे चुनाव लड़ने से रोका जा सके। कुल मिलाकर सरकार की साजिश मेरा मुह बंद करने की है। यह उल्लेख करने की जरूरत नही है कि यदि मैने मुकदमे लगने के बाद आंदोलन बंद कर दिया होता था, कांग्रेस अथवा भाजपा सरकार मे शामिल हो गया होता तो सरकार को कोई परेशानी नही होती फिर न केवल मुकदमे वापस हो जाते साथ ही सत्ता सुःख प्रदान करने का अवसर दिया जाता, यही लोकतंत्र का असली चेहरा है। या तो व्यवस्था के साथ समझौता कर लो या फिर मारे जाओ अन्यथा जेल मे सड़ा दिये जाओंगे। आप जानते है कि मुझ पर 7 बार कांग्रेस के शासनकाल मे जानलेवा हमले हुए। आठवी बार हमला कांग्रेस के केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ ने कराया लेकिन अडानी के गुण्डो को संरक्षण शिवराज सिंह चौहान ने दिया। अर्थात मुझे आपकी दुआओं के चलते मारा नही जा सका। मैने समझौता नही किया तो सजा दिलाने का काम दोनो पार्टियो ने मिलकर किया है
मै चाहता हूँ कि आप जरूर कि क्या आपने इसी लिये भाजपा सरकार बनाई थी? क्या आपने इसी लिए कांग्रेस का विधायक बनाया था कि वे किसान ओदोलन को सदा के लिए कुचलने के उददेश्य से मुझे सजा कराये।
कांग्रेस ने ही हर तरह से बर्बाद करने का कुचक्र रचा है। याद कीजिए कांग्रेसियो ने ही पारधियो को बसाया था। कांग्रेसी नेताओ ने पुलिस से साठ गाठ कर कुछ पारधी अपराधियो को संरक्षण देकर न केवल क्षेत्र के किसानो को प्रताड़ित कराया बल्कि लूट मे हिस्सेदारी भी की। जब सांडिया मे एक बहन का बलात्कार कर हत्या कर दी गई, तब मैने अपराधियो के पटटे निरस्त करने तथा अपराधियो पर जिलाबदर की कानूनी कार्रवाई करने के लिए 12 तक का समय दिया। तब कांग्रेसियो ने एसडीओपी साकल्ले के साथ मिलकर पारधियो के घर जलाये। जब मै 5 घंटे बाद मौके पर चौथिया पहुँचा तो मेरी जीप जलाने की धमकी दी गई। बाद मे सीबीआई के माध्यम से मुझे फर्जी तौर पर फसाया गया। जब ताईखेड़ा के निर्दोष किसानो को सीबीआई मारपीट कर फर्जी कहानी बनाकर हत्या के मामले मे फसा रही थी, तब कांग्रेसी विधायक ने विरोध करने के बजाय पूरे अवसर का इस्तेमाल अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए किया। जिसके चलते अनावश्यक तौर पर 72 किसान जबलपूर जेल मे बंद हूये। सीबीआई तमाम मामलो मे खात्मा दर्ज करती है, कांग्रेस की कठपूतली बनकर कार्य कर रही है। सीबीआई का स्तेमाल कांग्रेस ने किसानो को फसाने के लिए किया अगर कांग्रेसी नेता चाहते तो किसान बच सकते थे। भाजपा की भूमिका कांग्रेस के मददगार के तौर पर आज दोनो पार्टियो के नेता मिलकर पूरे क्षेत्र मे न केवल जूऑ सटटा शराब चलवा रहे है।बल्कि सभी विकास कार्यो मे भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है, सरेयाम खाद की कालाबाजारी की जा रही है, बिजली के दाम लगातार बढ़ाकर किसानो का खून निचोड़ा जा रहा है। यहॉं तक की दोनो पार्टी के नेताओ ने मिलकर मुलताई के राम मंदिर ट्रस्ट की जमीन तक खरीदवा दी। आप कब तक चुप बैठेंगें। क्या आप ये सब यू ही चलते रहने देंगें या गलत कार्यो का विरोध करेंगे? हम तीन साथियो को सजा जरूर हुई है लेकिन हमारे हौसले बुलंद है। अभी मुलताई गोलीचालन के और 14 मुकदमो का फैसला होना बाकी है, दोनो पार्टियाँ मिलकर उन प्रकरणो मे भी सजा कराने की कोशिश करेंगी। फिलहाल हम उच्च न्यायालय मे अपील करेंगें तथा जमानत का आवेदन देंगें।
मुझे विश्वास है कि इसके बाद हम पुनः आपके बीच मे आयेंगें तथा आपके साथ मिलकर अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष तेज करेंगें। हमे विश्वास है कि किसान संघर्ष समिति को आपका सहयोग पूर्व की तरह मिलता रहेंगा।
आपको यदि लगता है कि हमें गलत फसाया गया है तो गाँव मे बैठक कर इस आशय का प्रस्ताव पारित करें तथा गॉव के हस्ताक्षर कराकर मुलताई के किसान संघर्ष समिति के कार्यालय मे भेजे तथा हर माह होने वाली किसान महापंचायत मे शामिल हो। मेरा फोन आराधना भार्गव के पास है। मेरे फोन 9425109770 पर उनसे बात की जा सकती है एवं उनका नम्बर 9425146991 है।
डॉ. सुनीलम्
पूर्व विधायक, कार्यकारी अध्यक्ष
किसान संघर्ष समिति,
मु. मुलताई जेल