'ख़ुशहाल छत्तीसगढ़' की हकीकत:12 वें राज्योत्सव पर संघर्ष संवाद की पहल
छत्तीसगढ़ के 12 वें की नयी राजधानी नया रायपुर में 1 नवंबर से शुरू हुए राज्योत्सव का 6 नवंबर 2012 को समापन हो गया। इस मौक़े पर संघर्ष संवाद ने राज्योत्सव से एक दिन पहले 31 नवंबर से आठ दिन का विशेष अभियान चलाया जिसका शीर्षक था- ‘छत्तीसगढ़ के 12 साल: क्या खोया, क्या पाया।‘ इसके तहत रोज़ाना छत्तीसगढ़ पर फ़ोकस विशेष सामग्रियां जारी की गयीं।
कृपया इन सामग्रियों पर ज़रूर नज़र डालें और अगर ठीक लगे तो उसे दूसरों से भी साझा करें। इस विशेष अभियान के तहत जारी हुई सामग्रियों के लिंक;
आठवां दिन: 7 नवंबर 2012
- छत्तीसगढ़ महतारी की नीलामी का राज्योत्सव – आदियोग
- हम ज़िंदा थे, हम ज़िंदा हैं, ज़िंदा रहेंगे – फ़िराक़ गोरखपुरी की नज़्म
- आदिवासी लडेंगे, पीछे नहीं हटेंगे – जंगसाय कोया
सातवां दिन: 6 नवंबर 2012
- छत्तीसगढ़ को लूटने का राज्योत्सव – सुधा भारद्वाज
- अदम गोंडवी के शेर
- उद्योगों के लिए खेती पर हमला – असित दास
छठा दिन: 5 नवंबर 2012
- सुनिये क़रीब आती बदलाव की आहट… – सीआर बक्शी
- श्रमिक के चुनिंदा शेर – कमल किशोर ‘श्रमिक’
- श्रम शक्ति की लूट के बग़ैर कोई मुनाफ़ा मुमकिन नहीं -सत्येंद्र कुमार
- भगवती साहू के साथ भान साहू की बातचीत का वीडियो
- मज़दूरों की सुरक्षा की आपराधिक अनदेखी – आदियोग
पांचवा दिन: 4 नवंबर 2012
- उद्योगपतियों की चाकरी में सरकार- आदियोग
- साक्षात्कार : रमेश अग्रवाल से बातचीत
- जितना ऊंचा विकास का पहाड़, उतनी गहरी बदहाली की खाई – राहुल बनर्जी
- इस व्योपारी को प्यास बहुत है – गिर्दा की कविता
चौथा दिन: 3 नवंबर 2012
- लूट के महायज्ञ में प्राकृतिक संसाधनों और आदिवासियों की बलि – अजय टीजी
- हरियाली के आखेटक – अंशु मालवीय की कविता
तीसरा दिन: 2 नवंबर 2012
दूसरा दिन: 1 नवंबर 2012
पहला दिन: 31 अक्टूबर 2012