संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

छत्तीसगढ़ : अडानी राज कायम; जनसुनवाई को अपने हक में करवाने के लिए उतारे गुंडे



अडानी ने सरगुजा ज़िले के हसदेव अरण्य क्षेत्र स्थित पर्सा ईस्ट केते बासन कोल माइन के विस्तार के लिए कल 11 सितम्बर 2016 को आयोजित होने वाली  पर्यावरणीय  जनसुनवाई (देखें लिंक http://www.sangharshsamvad.org/2016/08/11_28.html) को प्रभावित करने के लिए तरह तरह के जाल बिछाने शुरू कर दिए हैं जिसमे अपने गुंडे बिठाने से लेकर गाँव वालों को डरना धमकाना शामिल है. जिससे की लोग डर के मारे जनसुनवाई में भागीदारी ही ना करे और जैव विविधता, दुर्लभपशु-पक्षी से भरपूर इस छेत्र को लूटने की छूट मिल जाए. गौरतलब है की नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) 23 मार्च 2014 को पर्सा ईस्ट केते बासन खदान की वन भूमि डायवर्सन की स्वीकृति को निरस्त कर चुका है जिसके बावजूद अडानी अपनी मंशा को पूरा करने पर तुला हुआ है और वह इस नाममात्र की जनसुनवाई को भी स्वीकार नहीं कर पा रहा है. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने बयान ;

गांव गांव में शराब और गणेश पंडाल लगवाये, धमकाने और डराने का दौर जारी ताकि लोग जनसुनवाई में जाकर विरोध न कर सके़।

अदानी की खदान का वनभूमि डायवर्सन निरस्त होने के बावजूद 11 सितम्बर को जनसुनवाई  के विरोध को निष्फल करने के लिये आदानी ने गांव गांव में दलाल किस्म के नताओं की फौज उतार दी है।
यह लोग प्रभावित गांवो में लोगों को डराने और धमकाने का काम कर रहे है।

गोडवाना गणतंत्र पार्टी ने जहाँ अपने अधिकृत बयान में  जनसुनवाई का विरोध किया है ,वहीं इसी पार्टी का नाम और पद का दुरपयोग करते हुये गाव में अदानी के समर्थन का कैम्पेन किया जा रहा है।

तीन साल से फाँरेस्ट राईट ,पेसा कानून और भूमिअधिग्रहण के खिलाफ काम करने वाले संगठन और व्यक्तियों को बाहरी बता के अदानी के लोग गांव गांव में प्रचार कर रहे है ,मानो आदानी उनके गांव का ही है।

पिछले दो दिनों से आदिवासी गांवों में अदानी के दलालों ने बहुत पैसा देकर गणेश बैठा कर पंडाल  लगा दिये है और अनाप शनाप शराब बांटी जा रही है ।

जनसुनवाई के लिये जाने का रास्ता भी अदानी की खदान से होते हुये  बनाया गया है  ताकि ग्रामवासियों को डराया जा सके ।

परसाकेते और आसपास के गांव में बहुत गंभीर स्थिति बना दी गई है  ,भय और लालच पैदा की जा रही है ताकि लोग जनसुनवाई में विरोध करने न जा सकें।

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