विकास के नाम पर संसाधनों का कॉरपोरेटीकरण से हो रहा सरदार सरोवर में विस्थापन : कॉ. जसविंदर सिंह
-राहुल यादव
मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के राजघाट पर पिछली 30 जुलाई 2016 से अनिश्चितकालीन नर्मदा जल जंगल जमीन हक सत्याग्रह जारी है । आज ओंकारेश्वर बांध के 5 और इंदिरासागर बांध के 16 गेट्स खोले गए है। राजघाट, बड़वानी में नर्मदा का स्तर बढने की वजह से चिखलदा जाने वाले पुल पर से यातायात बंद करवा दिया गया है। पानी का स्तर और भी बढने की खबर आई है और नर्मदा जल, जंगल, जमीन हक सत्याग्रह पर बैठे आंदोलनकारी भी डटे हुए है।
जल, जंगल, जमीन हक सत्याग्रह को समर्थन देने अखिल भारतीय किसान सभा, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कॉ. जसविंदर सिंह पहुंचे । सत्याग्रही किसानों, आदिवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर जो संसाधनों का कॉर्पोरेटीकरण चल रहा है, उसी का नतीजा है सरदार सरोवर में हो रहा विस्थापन। मध्य प्रदेश और केंद्र की सरकार मिल कर नर्मदा घाटी की उपजाऊ जमीन और इतने बड़े गाँवों की बलि देने की तैयारी कर रही है, यह अन्याय है।
गुजरात तथा मध्य प्रदेश की कंपनियों के लिए नर्मदा के जलाशयों का अधिकांश उपयोग किया जा रहा है। इसका हम विरोध करते है। 31 साल से चल रहे संघर्ष के कारण ही यहाँ के विस्थापितों को अन्य योजनाओं की तुलना में कुछ बेहतर पुनर्वास मिला है, लेकिन हजारों का पुनर्वास बाकी होते हुए गेट्स बंद नहीं किए जा सकते है। उन्होंने बताया कि गेट्स बंद करने पर हजारों के घर, खेत डूब जाएंगे जिससे मोदी सरकार और शिवराज सिंह सरकार की प्रतिष्ठा आज से भी ज्यादा किसान विरोधी और आदिवासी विरोधी साबित होगी। आज अष्टमी के दिन भी सत्याग्रह जारी है।
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क करे
राहुल यादव (9179617513)