कोलडैम सत्याग्रह :17 दिनों से जारी है विस्थापित मजदूरों की हड़ताल
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बरमाणा स्थित कोलबांध परियोजना में एनटीपीसी के विस्थापित व् प्रभावित कर्मचारी कोलडैम वर्कर यूनियन के बैनर तले 25 जून 2016 से धरने पर बैठे है । आज 11 जुलाई 2016 को 17 दिन हो गए है परंतु एनटीपीसी प्रशासन पर कोई असर नहीं हुआ है, आज से मजदूर नेता प्रवेश चंदेल के नेतृत्व में आमरण अनशन पर बैठने जा रहे है, कोलडैम वर्कर्स यूनियन ने एलान किया है कि जब तक की हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक ये आंदोलन जारी रहेगा । पेश है हिमाचल नौजवान सभा का बयान;
एनटीपीसी द्वारा एक ही काम के मजदूरों को अलग-अलग पैसे दिए जा रहे हैं। चहेते मजदूरों को भत्ते भी दिए जा रहे हैं। मजदूरों से बिना सुरक्षा उपकरण काम करवाया जा रहा है, जिस कारण 300 मजदूर रोजी-रोटी के लिए जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं। मजदूरों से 12 घंटे काम लिया जा रहा है तथा उनसे 30 दिन काम करवाकर 26 दिन का वेतन दिया जा रहा है। एक-एक मजदूर से 4-4 मजदूरों का काम लिया जा रहा है। मजदूरों को पदोन्नति की बजाय उनका डिमोशन किया जा रहा है। गाड़ी व आवास की सुविधा देने में भी भाई-भतीजावाद चल रहा है। काम से हटाए गए मजदूरों को आश्वासन के बाद भी काम पर वापस नहीं लिया जा रहा है। मजदूरों को ओवरटाइम का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। कुछ मजदूरों को 3 महीने की सैलरी नहीं दी गई है। मजदूरों को पहचान पत्र, ज्वाइनिंग लैटर व अटैंडैंस कार्ड भी नहीं दिए गए हैं । मजदूरों को 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं जबकि पे-स्लिप 25 हजार रुपए की बनाई जा रही है।
अगर एनटीपीसी विस्थापित कर्मचारियों के साथ ऐसा ही सौतेला व्यवहार करती रही तो कोलबांध परियोजना के समस्त विस्थापित व् प्रभावित बहुत जल्द मजदूरों के साथ खड़े होंगे और एनटीपीसी को अपने इस सौतेले रवैये के लिए न्यायलय तक जबाबदेही करनी होगी ।मजदूरों ने फैसला लिया की जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा तब तक सभी मजदूर एंटीपीसी महाप्रबंधक के कार्यालय के बाहर ही धरना प्तदर्शन करेंगे ।