डाला सीमेंट फैक्ट्री के मजदूर नहीं भुलेगे 2 जून का दमन
सपा प्रमुख मुलायम सिंह पहली बार 5 दिसंबर 1989 को सूबे के मुख्यमंत्री बने और 2 जून 1991 को डाला में सीमेंट फैक्ट्री को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे मजदूरों और स्थानीय लोगों पर गोली चला दी गई जिसमें नौ लोगों की हत्या हो गई। 24 जून को उनकी सत्ता गई लेकिन सूबे की सत्ता में काबिज भाजपा के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने मजदूरों के हत्यारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और ना ही डाला सीमेंट फैक्ट्री को बचाने में रुचि दिखाई। सूबे की भाजपा सरकार एक कदम और आगे बढ़ते हुए 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद तोड़वा कर पूरे सूबे में बेगुनाओं की हत्याओं का दौर शुरू कर दिया। अब क्या हो रहा है, इसका अंदाजा आप बखूबी लगा सकते हैं। हां, सोनभद्र के डाला में जो हुआ, उसकी परिणति जेपी ग्रुप और सपा-बसपा के काले कारनामों के रूप में आपके सामने हैं। अरबों रुपये की राजस्व हानि के साथ हजारों हेक्टेयर वनभूमि जेपी ग्रुप के कब्जे में है और आदिवासियों और वनवासियों को उनकी जमीनों से खदेड़ा जा रहा है। फिलहाल डाला गोलीकांड के शहीदों को नमन एवं भावभीनी श्रद्धांजलि।