संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

माचागोरा बांध का पानी,अडानी को बेचा : पुनर्वास के लिए विस्थापितों का संघर्ष

मध्य प्रदेश के छिंदवाडा में आदिवासी किसान अपनी जमीने बचाने के लिए अदानी पावर प्लांट के विरोध में संघर्षरत हैं। अदानी पावर प्लांट को पानी देने के लिए माचागोरा में एक बड़ा बांध बनाया जा रहा है उस से प्रभावित किसान तथा तोतलाडोह के प्रभावित मछवारों ने एक सयुक्त ज्ञापन छिन्दवाड़ा जिलाधीश को 2 मई को दिया गया है. पेश है किसान संघर्ष समिति का ज्ञापन;

प्रति,
जिलाधीश
छिन्दवाड़ा
माननीय महोदय,
छिन्दवाड़ा जिले के चैरई ब्लाॅक मे माचागोरा नाम से बाँध बनाया जा रहा है जिस पर 31 गांव प्रभावित हो रहे है। बाँध बनने के पूर्व ही बाँध का पानी अदानी पेंच पाॅवर प्लांट को बेच दिया गया है। माचागोरा बाँध से प्रभावित किसानों के खेत मे पेड़ लगे हुए हैं उन पेड़ों का ना तो सर्वे कराया गया न ही पेड़ की मोटाई नापी गई अधिकतर गांवों में किसानो को पेड़ का मुआवजा भी नही दिया गया है और पेड़ों की कटाई तेज गति से शुरू हो गई है। जिस ठेकेदार को पेड़ काटने का ठेका दिया गया है वह डूब क्षेत्र के बाहर के भी पेड़ की कटाई कर रहे है। डूब प्रभावित किसानों को निवास के लिए जो जमीन आबंटित की है याने जिस जगह पर किसानों का पुनर्वास किया जा रहा है, पुनर्वास स्थल पर ना पीने की पानी की व्यवस्था है न वह जगह रहने योग्य है, प्लाट के पट्ट इतने छोटे है कि किसान अपने कृषि उपकरण तथा अपने पालतु पशु भी नही रख सकता साथ ही मालिकना हक के पट्टे भी प्रदान नही किये जा रहे है जिससे किसानो में बहुत ज्यदा असन्तोष है।

जिन गांवों में पूर्व में मुआवजे की राशि दी गई थी वह भी अत्यन्त कम है, दी गई मुआवजे की राशि अत्यधिक कम थी गांव में रोजगार गरंटी योजना का काम भी शुरू नही किया गया। खेती के अलावा किसान के पास जीविका उपार्जन का अन्य कोई साधन उपलब्ध न होने से मुआवजे की राशि का उपयोग किसानों ने अपने उदर पोषण में कर लिया वर्तमान में किसानों के पास न तो जमीन बची है और न ही पैसा किसान भुखमरी की कगार पर खड़ा है। माचागोरा बाँध से प्रभावित 18 गांव जो की पंेच नदी के किनारे बसे थे उनकी जीविका उपार्जन का साधन पेंच नदी थी जिस पर वे रेत खेती करते थे, रेत खेती में तरबजू, खरबूज, लौकी, गिलकी, बरबटी, ककड़ी, भाजी की पैदावार से अपना जीविका उपार्जन करते थे तथा नदी से मछली आखेट का काम भी करते थे। पेंच नदी पर बाँध बन जाने के पश्चात् मछुआरों के सामने जीविका उपार्जन का संकट पैदा हो गया है।

सन् 1986 में ग्राम चैसरा, डागावानी पिपरिया, टेकाथावरी, हिवरखेड़ी तथा धनौरा के किसानों की जमीन पेंच पाॅवर प्रोजेक्ट के लिए दी गई थी उस समय किसानों सेकहा गया था कि उन्हें लागत मूल्य पर बिजली दी जायेगी, तथा प्रत्येक परिवार को शासकीय नौकरी दी जायेगी किन्तु आज दिनांक तक थर्मल पाॅवर नही बना। किसानों ने अपनी जमीन सरकार को नही दी और न ही सरकार द्वारा अधिग्रहित भूमि का कब्जा लिया किसान अपनी भूमि पर लगभग 27 वर्षो तक बिना रोकटोक खेती करते रहे। सन् 2010 में उक्त गांव की अधिगृहित भूमि सरकार द्वारा अदानी पेंच पावर प्रोजेक्ट को बेच दी गई तथा अदानी ने राजनीतिक दबाव तथा पुलिस की मद्द से अधिग्रहित भूमि से ज्यादा भूमि पर कब्जा ले लिया। सार्वजनिक रास्ते, सार्वजनिक जलाशय तथा मरघट की भूमि पर भी अदानी ने अवैध कब्जा कर लिया।

अदानी पेंच पाॅवर प्रोजेक्ट तथा माचागोरा बाँध से प्रभावित किसान अपनी निम्नलिखित माँगों को लेकर ज्ञापन सौपते है।

हमारी माँगें –

  1. सरदार सरोवर बाँध के भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले जस्टिस झाॅ आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करो तथा 2.5 लाख परिवारों का पुनर्वास करने के बाद ही बाँध में गेट लगाओं
  2. माचागोरा बाँध से विस्थापित तथा प्रभावित किसानों को जमीन के बदले जमीन दो।
  3. माचागरोरा बाँध से प्रभावित किसानो के खेत में लगे पेड़ों की कटाई रोक कर पहले पेड़ों का सर्वे कराओं पेड़ों की मोटाई नापते हुए प्रत्येक किसान को अलग-अलग पेड़ों का मुआवजा दो ।
  4. विस्थापित परिवारों को उचित पुनर्वास करो, पुनर्वास स्थल पर पीने के पानी, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी केन्द्र, पंचायत, बाजार की व्यवस्था करने के बाद किसानों को उनकी जमीन से बेदखल करो।
  5. विस्थापित परिवारों को पुनर्वास हेतु दिये जा रहे पट्टो पर मालिकाना हक दो तथा कृषि उपकरण, एवं पालतु पशुओं को रखने के लिए निवास पट्टे के अलावा उससे लगी हुई और जमीन आबंटित करो ।
  6. पेंच व्यपवर्तन परियोजना सन् 1986 की है अवार्ड पारित हुए पाँच साल से ऊपर हो गया है किसान अपनी जमीन के कब्जे में है पर योजना पूरी नही हुई है ऐसी स्थित में नए भू-अर्जन अधिनियम की धारा 24 (2) के अनुसार किसान अपनी जमीन का मालिक हो चुका है तथा भू-अर्जन की कार्यवाही शून्य हो चुकी है। किसान अपनी जमीन का मालिक हो चुका है इस कारण राजस्व रिकार्ड में किसान का नाम चढ़ाओं।माचागोरा बाँध से प्रभावित मछुआरों को माचागोरा बाँध में मछली पकड़ने का अधिकार दो तथा ठेकेदारों से माचागोरा बाँध को मुक्त रखो।
  7. अदानी पेंच पाॅवर प्रोजेक्ट द्वारा सार्वजनिक रास्तों पर अवैध कब्जा कर रखा है सार्वजनिक रास्तों को आदनी द्वारा किये गए अतिक्रमण से मुक्त करो सार्वजनिक पीने के पानी तथा मरघट की भूमि पर किये गए अतिक्रमण को हटवाओं।
  8. पर्यावरण की दृष्टि के पाॅवर प्लांट पार्यावरण को हानि पहँुचाते है अतः अदानी पाॅवर प्लांट को बंद करो।
  9. अदानी पाॅवर प्लांट को 16 अक्टूबर 2012 में पर्यावरण की अनुमति प्रदान की गई थी 3 साल के अन्दर अदानी ने अपना प्लांट चालू नही किया है, जिन शर्तो पर अदानी को पाॅवर प्लाट बनाने की अनुमति दी गई थी अदानी द्वारा उन शर्तो का पालन नही किया गया है अतः अदानी पाॅवर प्लांट बंद करो।

आप से इस ज्ञापन के माध्यम से निवेदन है कि उक्त मांगे पूरी करने के शीघ्र ही निर्देश जारी करने का कष्ट करें।
छिन्दवाड़ा
आवेदक गण
एड. आराधना भार्गव कुंज बिहारी पटेल, सज्जे पटेल

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