ग्राम सभा तय करेगी महान कोल लिमिटेड का भविष्यः जिला कलेक्टर
सिंगरौली। 21 जूलाई 2014। महान कोल लमिटेड को आवंटित महान कोल ब्लॉक के भविष्य का फैसला स्थानीय ग्राम सभा द्वारा लिया जाएगा। उक्त बातें जिला कलेक्टर एम सेलवेन्द्रन ने एक बैठक में कही। जिलाधिकारी ने बताया कि नयी ग्राम सभा का आयोजन आगामी 15 से 23 अगस्त के बीच किया जाएगा। महान जंगल क्षेत्र में सामुदायिक वनाधिकार को लेकर आयोजित होने वाली आगामी ग्राम सभा के संबंध में चर्चा के लिए आज जिला कलेक्टर कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शामिल होने आये महान संघर्ष समिति के सदस्यों ने प्रशासन के इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे अपने संघर्ष की जीत बताया है।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि यदि ग्राम सभा नहीं चाहेगी तो महान कोल लमिटेड को आवंटित कोयला खदान रद्द कर दिया जाएगा। ग्रीनपीस की कैंपेनर प्रिया पिल्लई ने प्रशासन के इस कदन की सरहाना करते हुए कहा कि, ‘हम जिला प्रशासन की इस पहल का स्वागत करते हैं। उसने फर्जी ग्राम सभा की जगह नयी ग्राम सभा करवाने की घोषणा की है। जंगल के भविष्य का फैसला ग्रामीणों और ग्राम सभा पर छोड़ना स्वागतयोग्य कदम है। यह महान के लोगों के लंबे आंदोलन की जीत है’।
6 मार्च 2013 को अमिलिया में वनाधिकार कानून पर हुए विशेष ग्राम सभा के विवादों में आने के बाद प्रशासन ने फिर से ग्राम सभा की तैयारी शुरू कर दी है। हाल ही में फर्जी ग्राम सभा को लेकर एफआईआर दर्ज नहीं होने पर जबलपुर हाईकोर्ट ने भी एसपी सिंगरौली को मामले की जांच का आदेश दिया है। फर्जी ग्राम सभा को लेकर महान संघर्ष समिति और अमिलिया के ग्रामीणों ने फरवरी में ही माड़ा पुलिस में शिकायत दर्ज करवायी थी लेकिन काफी समय बीत जाने के बावजूद उनकी शिकायत पर न तो एफआईआर दर्ज हुई और न ही किसी तरह की कार्यवायी की गई।
महान संघर्ष समिति के सदस्य हरदयाल सिंह खैरवार ने कहा कि, ‘हमने लगातार फर्जी ग्राम सभा के खिलाफ आवाज उठायी जिसका नतीजा है कि आज प्रशासन फिर से ग्राम सभा करवाने की बात कह रहा है लेकिन हम नयी ग्राम सभा को निष्पक्ष करवाने के साथ-साथ फर्जी ग्राम सभा में शामिल दोषी अधिकारियों पर कार्यवायी की भी मांग करते हैं’।
महान कोल लिमिटेड (एस्सार व हिंडाल्को का संयुक्त उपक्रम) को जंगल आवंटित करने के संबंध में वनाधिकार कानून 2006 के तहत उक्त ग्राम सभा का आयोजन किया गया था जिसमें सिर्फ 184 लोग उपस्थित थे लेकिन आरटीआई के तहत मिली उक्त ग्राम सभा में पारित प्रस्ताव की कॉपी में 1125 लोगों का हस्ताक्षर है। इन हस्ताक्षरित नामों में 9 लोग ऐसे हैं जिनकी मृत्यु सालों पहले हो चुकी है, वहीं कई लोगों ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनका जाली हस्ताक्षर किया गया है। इसी ग्राम सभा के आधार पर महान कोल लिमिटेड को पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से दूसरे चरण की मंजूरी प्रदान कर दी गयी थी। नये ग्राम सभा होने तक यह मंजूरी भी सवालों के घेरे में आ गया है। बाद में महान संघर्ष समिति, ग्रीनपीस जैसे कई सामाजिक संगठनों और मीडिया द्वारा फर्जी ग्राम सभा के मामले को जोर-शोर से उठाया गया। अंततः प्रशासन ने फिर से नयी ग्राम सभा करवाने की घोषणा की है।
दूसरी तरफ पूर्व वित्त व ऊर्जा सचिव इएएस शर्मा, रमेश अग्रवाल, आशीष कोठारी सहित कई सामाजिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने जनजातीय मंत्रालय और जिला प्रशासन सिंगरौली को पत्र लिखकर वनाधिकार पर आयोजित होने वाले ग्राम सभा को निष्पक्ष और दबावरहित आयोजित करने की मांग की है। ग्रीनपीस और महान संघर्ष समिति ने भी प्रशासन से निष्पक्ष तथा नियमों के आधार पर ग्राम सभा करवाने की मांग की है।