संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

‘विश्व आदिवासी दिवस’ 9 अगस्त : आदिवासियों का अपना दिन

आदिवासी इतिहास में नौ अगस्त ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के रूप में दर्ज तो है, लेकिन क्या उन्हें इसे मनाने का अधिकार आसानी से मिल गया था? दुनिया भर के आदिवासियों को इसे हासिल करने के लिए कितने पापड बेलने पड़े थे? ‘अगस्त क्रांति दिवस’ के साथ मनाए जाने वाले ‘विश्व आदिवासी दिवस’ की पृष्ठभूमि पर प्रस्तुत है, योगेश दीवान का यह विशेष लेख; नौ अगस्त को ‘विश्व…
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हिमाचल प्रदेश : वन अधिकारों से वंचित किन्नौर के ग्रामीण

वन अधिकार अधिनियम को लागू हुए दो दशक होने जा रहे है लेकिन हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में अभी तक 344 व्यक्तिगत…

किसान मजदूर आयोग ने जारी किया किसान एजेंडा 2024

दिल्ली, 19 मार्च 2024 को किसान मजदूर कमिशन ने दिल्ली के प्रेस क्लब में किसानों के संकट पर प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस प्रेस वार्ता में जाने-माने पत्रकार पी. साई नाथ के साथ नवशरण सिंह, बीजू कृष्णन, हन्नान मोल्ला, अशोक धावले, बी. वेंकट, जी.एस. गोरिया और सत्यवान विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े हुए नेताओं ने भी अपनी बाते रखीं। प्रेस को संबोधित…
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छत्तीसगढ़ : फर्जी मुठभेड़, हत्या, गिरफ्तारी और दमन के खिलाफ नई सरकार के समक्ष…

रायपुर। 29-30 नवंबर 2023 को कांकेर में छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन की दो दिवसीय बैठक संपन्न हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ बचाओ…

उत्तराखण्ड : सुरंग में मजदूरों का फंसना कोई अकेली त्रासदी नहीं है

अभी 28 नवंबर को करीब 17 दिन से बारामासी सड़क की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 मजदूरों का सुरक्षित बाहर निकलना कोई अकेली त्रासदी नहीं है। दुनियाभर के वैज्ञानिकों में ‘बच्चा पहाड़’ माने जाने वाले हिमालय में ऐसी त्रासदियां लगातार होती रहती हैं, लेकिन गजब यह है कि ये अधिकांश त्रासदियां प्राकृतिक न होकर मानव-निर्मित रही हैं। सुरंग-त्रासदी के पहले क्या…
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मध्य प्रदेश : नदी संरक्षण, सुरक्षा एवं पुनर्जीवन अधिनियम का मसौदा राष्ट्रीय नदी…

बड़वानी, 16 सितम्बर 2023; नर्मदा बचाओ आंदोलन द्वारा राष्ट्रीय नदी घाटी मंच का सम्मेलन यादव भवन नवलपुरा बडवानी में…

मध्य प्रदेश : जंगल बचा रहे अलीराजपुर के आदिवासी

आजादी के पचहत्तर साल में वन अधिकार पर अब जाकर कुछ बातें हो रही हैं और परंपरागत वनवासियों को कहीं-कहीं पट्टे दिए भी दिये जा रहे हैं, लेकिन कुछ आदिवासी इलाके ऐसे हैं जहां जंगल को बचाने का विवेक और तकनीक बरसों से कायम है। मध्य प्रदेश का अलीराजपुर ऐसा ही एक जिला है, जिसे सबसे पिछड़ा माना जाता है, लेकिन यहां के लोग अपने अधिकारों को लेकर सबसे जागरूक…
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