संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसान संघर्षों से बौखलाई बिजेपी सरकार : किसान मुक्ति यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ सुनीलम को किया गिरफ्तार

 मध्य प्रदेश का किसान विरोधी और दमनकारी चेहरा देश के सामने
किसानों की समस्याओं को सामने लाने वाली किसान मुक्ति यात्रा के राष्ट्रीय संयोजक डॉ सुनीलम को किया गिरफ्तार
किसानों की हत्यारी सरकार के लिए किसानों की समस्या नहीं है सर्वोपरि, हर दिन कर रही किसानों, मजदूरों, आदिवासियों व मेहनतकशों का अपमान
डॉ सुनीलम को तुरंत बिना किसी शर्त रिहा करोमध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस्तीफ़ा दो
इंदौर | जुलाई 5, 2017 : मध्य प्रदेश सरकार का किसान और मज़दूर विरोधी चरित्र पूर्णरूप से खुल कर सामने आ गया है। अभी अभी जानकारी के अनुसार पिपलिया मंडी, मन्दसौर से 15 किमीo दूर से डॉ सुनीलम,पूर्व विधायक और जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) के राष्ट्रीय समन्वयक को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। विदित हो कि डॉ सुनीलम एक सप्ताह से किसान मुक्ति यात्रा, जो कल 6 जुलाई से शुरू होगी, के लिए गाँव गाँव घूम कर तैयारी कर रहे थे। यात्रा शुरू होने के पहले ही सरकार ने उन्हें गिरफ़्तार कर लोगों को डराने की कोशिश और किसान आन्दोलन को कुचलने की कोशिश की है जैसा कि पिछले महीने मंदसौर में किसानों के ऊपर गोलीचालन करते हुए किया था। पूरे इलाके में लोगों में ग़ुस्सा और नफ़रत भरा है, क्योंकि शिवराज सिंह की सरकार सिर्फ़ दिखावा और नौटंकी कर रही है और किसानों के न्याय की कोई बात नहीं कर रही है। उनका उपवास हो या नर्मदा सेवा यात्रा या फिर करोड़ों पेड़ लगाना, सब एक मात्र दिखावा है और चुनाव को देख कर एक ढकोसला है। असलियत तो यह है कि पूरे राज्य में अभी से सरकार ने रासुका लगा रखी है ताकि जनता अन्याय के प्रति कोई आवाज़ न उठा पाए। सरकार का हर रवैया लोगों के संवैधानिक हक़ों के ऊपर हमला प्रतीत हो रहा है और कुछ नहीं। 
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय सरकार के इस क़दम की घोर निंदा करती है और माँग करती है कि डॉ सुनीलम को तुरंत बिना किसी शर्त रिहा किया जाए और किसान मुक्ति यात्रा में प्रशासन पूर्ण सहयोग करे। किसानों के मुद्दे को देश भर के सामने लाने के लिए होने वाली यात्रा जिसमें कई राज्य के किसान साथी शामिल होंगे उनके समस्याओं को सुनना सरकार का कर्तव्य होता है और उनके हित में काम करने के लिए उन्हें तत्पर होना चाहिए ना कि उनकी आवाज़ को दबाने के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था का दुरूपयोग लोगों के खिलाफ करना चाहिए। लोकतंत्र में सरकार लोगों की सेवक और न्याय की रक्षक पुलिस का इस्तेमाल डर और भय बनाने के लिए नहीं किया जा सकता। अगर प्रदेश की चुनी हुई सरकार अपना काम करने में असमर्थ है तो शिवराज सिंह अपना इस्तीफ़ा दे दें,क्योंकि मध्य प्रदेश में एक के बाद एक घोटाला उजागर हो रहा है चाहे वो व्यापम हो, या बिजली घोटाला, दिन प्रतिदिन लोकतंत्र की हत्या हो रही है, किसानों, मजदूरों पर गोलीचालन, उनकी हत्या, नर्मदा घाटी में लाखों का विस्थापन, जबरन बेदखली और मध्यप्रदेश के किसानों, आदिवासियों, मजदूरों, मछुआरों, कुम्हारों, महिलाओं का पूर्ण हक़ गुजरात के हवाले करना, उनकी असफलता को ही दर्शाता है। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकतंत्र का सम्मान करते हुए, किसानों, मजदूरों, आदिवासियों और आम जनता के पक्ष में काम करते हुए तुरंत इस्तीफ़ा दे और जनमत का सामना करे। 

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