झारखण्ड : पांच सत्याग्रहियों को पुलिस ने गोली से उड़ाया; जबरन भूमि अधिग्रहण के लिए बड़कागाँव के आदिवासियों पर पुलिसिया कहर
1 अक्तूबर 2016; झारखण्ड से जेवियर के माध्यम से खबर मिली है कि हजारीबाग के बडकागांव एनटीपीसी पावर प्लांट के सामने दो महीने से संघर्ष चल रहा था , आज पुलिस ने आंदोलनकारियों पर फायरिंग किया है, जिसमें करीब चार लोगों की मौत हुई है ,आशंका है कि मौते उससॆ कहीं ज्यादा हुई है , आशंका है कि 12 ,लोगों की मौत हुई है,पुलिस लाशों को छुपा रही है .
कांग्रेस की महिला विधायक भी आंदोलन में साथ दे रही थी.
पिछली साल भी हजारीबाग एनटीपीसी में आंदोलनकारीयों पर पुलिस फायरिंग म तीन ग्रामीणों की मौत हुईं थी.
ज्ञातव्य भूमि अधिग्रहण के तमाम नाजायज़ तरीकों के लम्बे समय से हो रहे जन प्रतिरोध के क्रम में 31 मार्च 2016 से हज़ारीबाग (झारखंड) के चिरुड़ीह तिलैयाटांड के किसानों ने शांतिपूर्ण अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत की थी. धरना शांतिपूर्वक रूप से अभी चल ही रहा था कि 16 मई को खनन कंपनियों ने बुलडोज़र भेजकर चिरुड़ीह बरवाडीह में वहाँ निवास कर रहे कमजोर तबके के परिवारों पर दबाव डालकर खनन कार्य शुरू करा दिया. अगले दिन 17 मई को पुलिस ने पास के 5 किलोमीटर दूर तक के गाँवों पर अचानक हमला कर के कहर बरपाया.
18 जून 2016 को विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन, AIPF और कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की संयुक्त टीम ने NTPC की उक्त परियोजना से प्रभावित होने वाले इलाके के सघन क्षेत्र बड़का-गाँव का दौरा कर विभिन्न गाँवों के किसानों से मिलकर वस्तु-स्थिति का अध्ययन किया तथा पीड़ितों से मिलकर प्रशासन व पुलिस द्वारा की जा रही ज़्यादतियों और उनके अमानवीय अत्याचार व दमन का ब्यौरा लिया.