गुजरात: ‘एकता की मूर्ति’ हेतु जमीन अधिग्रहण का विरोध
केवड़िया क्षेत्र विकास प्राधिकरण (काडा) जिसका सन् 2005 में इस क्षेत्र में पर्यटन अधोसंरचना विकास हेतु गठन किया गया था, ने इस वर्ष के शुरू में 54 गांवों की पंचायतों से इस संबंध में सहमति मांगी थी। इनमें से 29 गांव संरक्षित वन क्षेत्र में आते हैं।
काडा विरोध मंच जो कि नरेंद्र मोदी के सपनो की परियोजना का विरोध कर रहे लखी भाई का कहना है कि, ”काडा ने ग्रामीणों से कहा है कि वे उसके साथ अपनी भूमि की हिस्सेदारी करें। काडा ने यह भी कहा है कि यदि उन्होंने (ग्रामीणों) समय पर उत्तर नहीं दिया तो इसे उनकी सहमति मान लिया जाएगा और उनकी भूमि ले ली जाएगी। अधिकांश ग्राम पंचायतों ने ‘इंकार’ कर दिया है और उनका कहना है कि वे बजाए नगर नियोजन के अपनी ग्राम पंचायतों के
प्रावधानों के अंतर्गत ही विकास करेंगे।”