आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे खिलाफ जनसंगठनों की लामबंदी तेज
गुजरी 11 फरवरी, 2014 को बसपा, कांग्रेस और भाकियू ने उत्तर प्रदेश के चौपुला में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के विरोध में दिसम्बर 2013 से जारी किसानों के आंदोलन को समर्थन दोहराया है। इस मौके पर वक्ताओं ने भूमि अधिग्रहण का विरोध करते हुए कहा कि इस हाइवे की आवश्यकता नहीं है।
आगरा-लखनऊ प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे (ग्रीन फील्ड परियोजना) 50 गांवों से होकर गुजरेगा। इसके लिए करीब 3200 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना तय है। इसमें सदर तहसील के फगुआ, बेहरिन, वनपुरा नरायनपुर्वा, पचोर, गागेमऊ, गोवा, मतौली व लोहामढ के राजस्व गांव चयनित किए गए है। इसी तरह तिर्वा तहसील में बहसुइया, पिपरौली, भुन्ना, कड़ेरा, सिकरोरी, सियापुर काछी, अलमापुर, सतसार, बलनापुर, पट्टी, अलीपुर अहाना, बस्ता व ठठिया गांव इसके दायरे में हैं।
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क्योंकि आगरा से लखनऊ वाया इटावा व कानपुर पहले से दो-दो हाई वे है तो फिर यह तीसरा हाई वे क्यों बनाया जा रहा है.
बसपा के जसवंतनगर विधानसभा प्रभारी मनीष यादव ने किसानों की मांगों का समर्थन किया। उन्होंने एलान किया कि किसानों की लड़ाई को विधानसभा व हाईकोर्ट तक लड़ेंगे। भारतीय किसान यूनियन के करहल तहसील अध्यक्ष पूरन सिंह ने यूनियन के कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठकर समर्थन जताया। काग्रेस के नेता अजय कुमार यादव ने आंदोलन को समर्थन दिया। उनके साथ जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष उदयभान सिंह यादव धरना स्थल पर पहुंचे।
आंदोलन भू-अधिग्रहण विरोधी संघर्ष समिति चौपुला के बैनर तले चल रहा है। दो सूत्रीय मांगों को लेकर चले रहे आंदोलन के तहत धरना सभा की अध्यक्षता महेश चंद्र यादव ने की। धरने पर संयोजक उदयवीर सिंह यादव, उप संयोजक राम संजीवन यादव, कोषाध्यक्ष मुरारीलाल यादव, किसान सभा जिला मंत्री संतोष शाक्य, भाकियू के भुवनेश राजपूत, रामनरेश यादव, महावीर यादव, किसान सभा के संयुक्त मंत्री विवेक यादव आदि बैठे।