दमन सरकार का एक और कारनामा : हिंडाल्को ने चलाए आदिवासियों के घर पर बुलडोजर
1 अप्रैल 2016 को रायगढ़ जिले के तमनार ब्लाक के ग्राम बनखेता के तीन परिवारों के घरो पर जिला प्रशासन के द्वारा हिंडाल्को कंपनी के दवाब में स्वयं कम्पनी के अधिकारियो की मोजुदगी में घरो पर बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया . प्रभावित परिवार में एक परिवार आदिवासी हैं जिनकी जमीन और घर को जबरन भू अधिग्रहण किया गया हैं . आज सुबह प्रशासन के अधिकारी पुलिस बल की उपस्थिति में दोनों परिवारों को पूर्व में बिना कोई नोटिस दिए ही घर तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी जिसका विरोध करने पर दो महिलाओ सनीरो विरहोर और निर्मला सिदार सहित सामाजिक कार्यकर्त्ता रिनचिन को गिरफ्तार कर तमनार थाने में बिठाया गया हैं और उनके उपर आईपीसी धारा 186 और 294 लगाई गई हैं .
छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन जिला प्रशासन की इस कार्पोरेट परस्त अमानवीय कार्यवाही की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषी अधिकारियो पर कार्यवाही की मांग करता हैं . प्रदेश में खनन कंपनियों के दवाब में बिना पुनर्वास और बिना प्रक्रिया का पालन किये लगातार लोगो को उजाड़ा जा रहा हैं . यहाँ तक की अति आदिम जनजाति के लोगो पर भी इस तरह की बर्बर कार्यवाही की जा रही हैं . ऐसी ही कार्यवाही पिछले दिनों परसा ईस्ट केते बासन कोयला खदान मैं अदानी कंपनी के लिए की गई थी जिसमे 5 परिवार को उजाड़ दिया गया . पुनर्वास की मांग को लेकर केते गाँव के लोग लगातार आन्दोलन कर रहे हैं .
राज्य सरकार के द्वारा सिर्फ दिखावे के लिए आदर्श पुनर्वास निति 2007 बनाई गई हैं लेकिन पुरे प्रदेश में उसका पालन नहीं हो रहा हैं . अधिकारी कंपनी के साथ मिलकर पुनर्वास किये बिना ही लोगो को उजाड़ रहें हैं . छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन बनखेता की कार्यवाही की पुनः कड़े शब्दों में निंदा करते हुए दोषी अधिकारियो पर कार्यवाही की मांग करता हैं, प्रभावित लोगो की आदर्श पुनर्वास नीति के तहत सही पुनर्वास और गिरफ्तार महिलाओ की निशर्त रिहाई की मांग करता हैं . इसके साथ ही छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन प्रदेश के मुख्यमंत्री से यह आग्रह करता हैं वो इन मामलो को संज्ञान में लेते हुए आदर्श पुनर्वास निति का कड़ाई से पालन करने के लिए अधिकारियो को दिशा निर्देश जारी करें .
आलोक शुक्ला
संयोजक
छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन