किसानों को जेल के अलावा कुछ नहीं दे पाई राजस्थान सरकार : किसान संघर्ष समिति ने की किसानों की रिहाई की मांग
किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डा सुनीलम ने राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा किसान आंदोलन को कुचलने हेतु की गई दमनात्मक कार्यवाही की निंदा करते हुए 19 फरवरी, 2018 को राजस्थान के विभिन्न जिलों से गिरफ्तार किए गए अखिल भारतीय किसान सभा के सभी नेताआंें को तत्काल रिहा करने की मांग की है। किसान संघर्ष समिति द्वारा जारी की गयी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि आगामी 22 फरवरी को अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा सीकर आंदोलन के बाद किसानों के साथ किए गए समझौते को लागू किए जाने तथा सरकार की घोषणा के खिलाफ जयपुर में किसानों के महापड़ाव की घोषणा की गई थी लेकिन राजस्थान पुलिस द्वारा महापड़ाव के पहले ही विभिन्न जिलों से किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं मार्क्सवादी पार्टी के राज्य सचिव अमराराम, पूर्व विधायक पेमाराम, पूर्व विधायक पवन दुग्गल, पूर्व विधायक हेतराम बेनीवाल, श्योपत मेघवाल, महामंत्री छगनलाल चौधरी, किशन पारिख, इंदर सिंह पूनिया, शहीद कान्हाराम के भाई मंगल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
आज पुलिस की दमनात्मक कार्यवाही के खिलाफ जब जयपुर में जनसंगठनों, नागरिक संगठनों, सांस्कृतिक कर्मियों एवं किसान नेता खासाकोठी में एकत्रित हो रहे थे तब लगभग 50 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें तारासिंह सिद्धू, भंवर सिंह, बाबूलाल लोगाड़िया, हरेंद्र सिंह, सुमित्रा चोपड़ा, रवीन्द्र शुक्ला, निशा सिद्धू, विजय स्वामी, यूनुस कुरैशी, लक्ष्मण सिंह, मो. मुस्तफा, शांतिलाल डांगी, भोपाल सिंह एवं अन्य साथी शामिल हैं।
किसान संघर्ष समिति राजस्थान सरकार से 13 सितंबर 2017 को अखिल भारतीय किसान सभा के साथ हुए समझौते को लागू करने की मांग करती है। भारत का संविधान देश के हर नागरिक को स्वतंत्र अभिव्यक्ति एवं एकजुट होने का अधिकार प्रदान करता है। परंतु राजस्थान सरकार द्वारा नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। किसान संघर्ष समिति देश और प्रदेश के सभी लोकतंत्र एवं मानव अधिकारों में विश्वास रखने वाले संगठनों, पार्टियों और व्यक्तियों से राजस्थान सरकार द्वारा की जा रही दमनात्मक कार्यवाही का पुरजोर विरोध करने की अपील करती है। किसान संघर्ष समिति किसानों की कर्जा मुक्ति, लागत से डेढ़ गुना दाम, किसान पेंशन आदि 11 मुद्दों पर अखिल भारतीय किसान महासभा के नेतृत्व में चलाये जा रहे किसान आंदोलन का समर्थन करती है।
किसान संघर्ष समिति राजस्थान की भाजपा सरकार को आगाह करना चाहता है कि भाजपा सरकार की जन विरोधी नीतियों के चलते उसे हाल ही में हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर पराजय का सामना करना पड़ा है, इसके बावजूद भी वह इन संगठनों के साथ संवाद करने के बजाय दमन पर उतारू है, जिसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान की आम जनता द्वारा दिया जाएगा।
– डा सुनीलम