जमीन अधिग्रहण के लिए सरकारी दबाव से डरें नहीं : जवाब में उठाए जा सकते हैं यह कदम
जब आप अपनी जमीन बचाने के लिए संघर्ष कर रहे होते हैं और प्रशासनिक अधिकारी या पुलिस अधिकारी आपके ऊपर जमीन अधिग्रहण के लिए दबाव बनाएं या धमकी दें कि आपके नाम पर मुकदमा दर्ज किया जा सकता है तब आप क्या करें? पढ़ें एसी प्रवीन कुमार भगत की रिपोर्ट;
सबसे पहले तो आप बिल्कुल भी न डरें। निडर होकर उनके FIR लिखने से पहले आप प्रशासनिक अधिकारी या पुलिस अधिकारी के नाम पर (नामजद) FIR दर्ज करने के लिए न्यायालय के समक्ष आवेदन कर दीजिए।
आवेदन करते समय विषय में क्या लिखें-
प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा मेरे सहमति के बगैर मेरी जमीन जबरन छीनी/अधिग्रहित की जा रही है ।
IPC के कौन कौन से सेक्शन का इस्तेमाल करें-
- चुंकि जमीन ही हमारा वजूद है जिसकी हम पूजा अर्चना करते हैं और जिससे हमारी संस्कृति की भावनाएं जुड़ी हुई हैं अत: धार्मिक भावनाओं को आहत करने बाबत धारा 295A, 153A का इस्तेमाल करें ।
- चुंकि शासकीय कर्मचारी/ प्रशासनिक अधिकारी/ पुलिस अधिकारी के द्वारा असंवैधानिक क्रियाकलाप को अंजाम दिया जा रहा है या जाता है अत: देशद्रोह की धारा 124 का इस्तेमाल करें ।
- चुंकि शासकीय कर्मचारी/ प्रशासनिक अधिकारी/ पुलिस अधिकारी के द्वारा असंवैधानिक क्रियाकलाप को अंजाम दिया जा रहा है या जाता है एवं हमारे साथ धोखाधड़ी, जालसाजी कर हमे गुमराह किया जा रहा है अत: धारा 420, 120B का इस्तेमाल करें ।
- संविधान में प्रदत्त प्रावधानों की अवहेलना के संबंध में जो भी धारा लगाई जा सकती है उसका प्रयोग आप कर सकते हैं।
अंत में यदि जमीन अधिग्रहित हो रही है या फिर हम स्वेच्छा से जमीन देना भी चाहते हों तो जमीन के बदले मुआवजे की जगह अगर हम जमीन का किराया वसूली करें तो ज्यादा बेहतर होगा ।
मुआवजा सिर्फ एक पीढ़ी तक ही सीमित रहेगा और किराया सतत् निरंतर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहेगा ।
आवेदन कहाँ और कैसे करें
- आवेदन आप निचली न्यायालय मे दें सकते हैं ।
- उक्त आवेदन 10 रुपये के स्टांप पेपर पर ही लिखकर दे ।
- स्टांप पेपर में आवेदन लिखने के पश्चात उसकी फोटोकॉपी को न्यायधीश महोदय को देवें ।
- स्टांप पेपर की मूल कॉपी में रिसीविंग प्राप्त कर लें और उसे अपने पास सुरक्षित रख लें ।