संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

किसानों पर जुल्म बर्दाश्त नहीं किया जाएगा : किसान संघर्ष समिति नवलगढ़



30 नवंबर को राजस्थान के झुंझुनू  जिले के नवलगढ़ तहसील  की काली ढाणी में प्रस्तावित सीमेंट फैक्ट्रियों के कुछ गुण्डों तथा पुलिसकर्मियों ने खेतों में काम कर रहे लोगों के साथ मार-पीट की। गांववालों के अनुसार महिलाओं के साथ मार-पीट भी की गई। गौरतलब है कि नवलगढ़ में तीन सीमेंट फैक्ट्रियां प्रस्तावित है। जिसके विरोध में वहां के स्थानीय किसान पिछले दस साल से संघर्ष कर रहे हैं। इस घटना से नाराज वहां के स्थानीय लोगों ने 2 दिसंबर को हुई किसान संघर्ष समिति नवलगढ़ की कार्यकारिणी में शिकायत की। कार्यकारिणी की बैठक में घटना की निंदा करते हुए फैसले लिया गया कि अगर जमीनें बेचे हुऐ किसान इक्कठे हो कर अपने हक के लिए व अपने साथ हुई बेइंसाफी के लिए लड़ाई लड़ते हैं तो किसान संघर्ष समिति उनके साथ है। किसी भी हालत में उनके साथ बेइंसाफी नहीं होने देंगे। हम यहां आपके साथ उक्त घटना और कार्यकारिणी की बैठक के संदर्भ किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष दीप सिंह शेखावत की विस्तृत रिपोर्ट साझा कर रहे हैं।

 30 नवंबर को काली रावणा कि ढाणी में सीमेंट कम्पनी के आठ दस लोग अपने साथ एक एस आई समेत छह पुलिस कर्मियों का दल टेक्टर लेकर लगभग एक बजे ढाणी में पहुंचे तथा एक खेत जो बोया हुआ था उस को पलटने लगे तो घर के लोगों ने विरोध किया उस दौरान धक्का मुक्की हुई। कहा जा रहा है कि औरतों के साथ बदसलूकी की गई। जब चारों ओर से लोग आने लगे तो उसी तरह छोड़कर गाड़ियों में चढकर भाग लिऐ। सुना है कि चार लोगों के खिलाफ जिनमें दो महीलाऐं है मुकदमे दर्ज कर दिया है जिसमें से दो लोगों को सुना है कि थाने में बंद कर दिया है। आज शाम को ढाणी के कुछ लोग डी एस पी साहब को अपनी पीड़ा बताने गये लेकिन वे किसी शादी में गये हुऐ बताये। जब यह मामला किसान संघर्ष समिति, नवलगढ़ के संज्ञान में आया तो समिति ने मामले पर चर्चा के लिए 2 दिसंबर को कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की।

भूमि अधिग्रहण विरोधी किसान संघर्ष समिति नवलगढ की कार्यकारिणी की बैठक 2 दिसंबर को  नवलगढ़ स्थित भगत सिंह पुस्तकालय में कैप्टन दीप सिंह गोठडा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सभी प्रभावित गांवों के मुख्य मुख्य किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया। तथा दो दिन पहले कालीरावणा की ढाणी में सीमेंट कम्पनियों के नुमाइंदों व पुलिस के साथ हुई जबर्दस्ती से खेती को टेक्टर द्वारा पलटने की कोशिश में आपसी धक्का मुक्की से प्रभावित लोगों ने हिस्सा लिया। उन्होंने अपने साथ हुई घटना में बताया कि किस तरह से कम्पनी के लोग उन्हें बर्बाद करने पर आमादा है। बैठक में भाग लेने वालों में नोरंग लाल दूत, राम लाल दूदवाल, संजेश कुमार, ओम प्रकाश ढाका, गोवर्धन सिंह निठारवाल, पोकर सिंह झाझडिया, पन्ना लाल सैनी, प्रकाश सोनी, महेंद्र खटकड, चूनी लाल भूकर, रामेश्वर अधाणा, ऐडवोकेट सुभाष चंद्र आर्य, मदनपुरी गोस्वामी, भंवर लाल पायल, मामचंद दूत, सुल्तान भूकर, फूलचंद बुडाणीयां, तथा कालीरावणा की ढाणी से पीथाराम, खांगा राम, दाना राम कालीरावणा, सवाई,व महादेवा राम राम ने हिस्सा लिया।

बैठक में कम्पनियों द्वारा किये जा रहे उपजाऊ भूमि के अधिग्रहण में इतनी मनमर्जी व खामियां बताई कि अगर सही तरीके से जांच की जाये तो इन लोगों को जेल में होना चाहिए। जैसे तय सुदा कीमत नहीं देना, ऐक किसी बुढे का अंगूठा लगवा कर फर्जी रजिस्ट्री बनवाना, जमीन को कृषि के लिए खरीदना।, गलत नाम चढे लोगों को पेमेंट कर देना आदि काफी कमीयां है जो कानूनी अपराध है। संघर्ष समिति के लोगों ने ये फैसला लिया कि अगर जमीनें बेचे हुऐ किसान इक्कठे हो कर अपने हक के लिए व अपने साथ हुई बेइंसाफी के लिए लड़ाई लड़ते हैं तो किसान संघर्ष समिति उनके साथ है। किसी भी हालत में उनके साथ बेइंसाफी नहीं होने देंगे। कालीरावणा की ढाणी के किसानों ने कहा कि वो जल्दी ही जमीन बेच चुके किसानों की मिटिंग करायेंगे जिसमें ये बात रखी जायेगी।

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