सत्याग्रहियों पर पुलिसिया दमन के विरोध में बिहार भवन पर प्रदर्शन
दलित और पिछड़े समुदायों के लोग अपने ज़मीन के अधिकारों को लेकर जेल भरो के
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत विधानसभा भवन एकत्रित हुए. ज्ञात हो कि
पिछले साल भी इन्हीं मांगों को लेकर ये लोग मुख्यमंत्री आवास भी गए थे,
जहाँ इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बार भी उनका अहिंसात्मक, शांतिमय और विनम्र सत्याग्रह था.
लेकिन
पिछली बार की तरह इस बार भी प्रशासन और सरकार ने इस शांतिमय सत्याग्रह
पर बल प्रयोग किया. महिलाओं को पुरुष पुलिस बल ने मारा -पीटा, उनके साथ बदसलूकी की और एक षड्यंत्र के तहत इन 400 सत्याग्रहियों में से केवल पांच प्रमुख प्रतिनिधियों को जेल में भेजकर उनके खिलाफ गैर-जमानती मुकदमे दर्ज किये..
दिल्ली समर्थक समूह एवं एनएपीएम सरकार के इस क्रूर कदम की निंदा करते हैं और यह मांग करते हैं कि, 9 अप्रैल 2015 को प्रदर्शन के दौरान पटना में बिहार नव नव निर्माण अभियान के गिरफ्तार साथी श्री अशोक प्रियदर्शी, अशोक मानव, वर्षा बेला, मालती देवी एवं चनवां देवी को रिहा करते हुए उनके ऊपर जो भी राज्य सरकार द्वारा जो गैर जमानती केस दर्ज किये गए है उन्हें सरकार वापस ले.
नव निर्माण अभियान के साथियों की माँगे जनता के हित में है एवं उचित है
इसलिये बिहार सरकार उनकी माँगो को जल्दी से जल्दी पूरा करे
के विरोध प्रदर्शन में लोग नारा लगाते हुए बिहार भवन के मुख्य गेट पर
पहुंचे ही थे कि पुलिस ने गेट पर ही सभी को रोक लिया. फिर वही
लोगनारों के माध्यम से सरकार का विरोध कर रहे थे . संजीव, राजेश, महेंद्र, शाशि भूषण पंडित, सहित अन्य साथियों ने अपने बात को रखते हुए सरकार की निंदा किये और माँग की, कि सरकार, सत्याग्रहियों के साथ सही रुख अख्तियार करे |
प्रतिनिधि मंडल बिहार भवन के भीतर संयुक्त श्रम अधिकारी श्री कुमार
दिग्विजय से भी मिला और उनके समक्ष अपनी मांगो को रखा. श्री दिग्विजय
कुमार ने कहा है कि आपकी मांगो को हम सरकार तक पहुंचाएंगे और उचित कदम
उठाये जायेंगे.
तस्वीर : महिपाल बिष्ट