सिंगरौली : जनसंगठनों ने भू-हड़प अध्यादेश की प्रतियाँ फाड़ कर जताया विरोध
मध्य प्रदेश के सिंगरौली में 6 अप्रैल को जनसंगठनों ने भू-हड़प अध्यादेश की प्रतियाँ फाड़ कर विरोध जताया । देश भर में जारी पूरजोर विरोध की अनदेखी करते हुए मोदी सरकार द्वारा पुनःलाए गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश की प्रतियाँ फाड़ कर सिंगरौली के जनसंगठनों ने सरकार की हिटलरशाही का विरोध किया। अध्यादेश की प्रतियाँ फाड़ने का कार्यक्रम जिला कलेक्टरेट पर किया गया। इस दौरान जिला कलेक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भी प्रेषित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति से वर्तमान कार्पोरेटपरस्त सरकार के निर्णयों पर अपने स्वतंत्र विवेक के आधार पर फैसले लेने की अपील की गई। कार्यक्रम का आयोजन किसान आदिवासी विस्थापित एकता मंच और उर्जांचल कामगार एवं विस्थापित यूनियन के सहयोग से हुआ। उपरोक्त संगठनों की अपील पर सी.पी.आई., सी.पी.आई.(एम.), समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, अमृता सेवा संस्थान आदि के कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
सभी कार्यकर्ताओं ने इस अध्यादेश को केन्द्र की भाजपा सरकार का असली चेहरा बताया और कहा कि भाजपा और कांग्रेस दरअसल किसानों, आदिवासियों की विरोधी पार्टियां हैं और भजपा किसी भी कीमत पर कारपोरेट सेवा के पुराने सारे रिकार्ड तोड़ देना चाहती है, और ऐसा करने के लिए उसने 60 साल के कांग्रेसी फासीवाद को 1 साल में ही पछाड़ दिया है।
अध्यादेश की प्रतियाँ फाड़ने के दौरान उपस्थित साथियों को श्री रामलल्लू गुप्ता, श्री लक्ष्मी चन्द दुबे, एकता और संजय नामदेव ने सम्बोधित किया। उपस्थित साथियों ने किसानों और आदिवासियों की एकता के नारे लगाये। अन्त में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौपा गया। इस विरोध प्रदशर्न में खास तौर से प्रो0 जी.डी. अग्रवाल की उपस्थिति महत्वपूर्ण रही। प्रो0 अग्रवाल अब स्वामी ज्ञानस्वरूप सानन्द जी के रूप् में जाने जाते हैं। देश में गंगा मुक्ति आन्दोलन के अगुवा स्वामी जी मूल रूप् से पर्यावरण वैज्ञानिक हैं और एक समय में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यख रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि प्रोफेसर के रूप में भी कार्यरत स्वामी जी ने सिंगरौली में किसान आदिवासीयों के हक हकूक की लड़ाई में पूरे समर्थन का वायदा किया। उनके साथ वनवासी सेवा आश्रम सोनभद्र की प्रभारी सुभा बहन की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
इस विरोध प्रदर्शन में किसान आदिवासी विस्थापित एकता मंच जिला ईकाई, सिंगरौली। लोकविद्या जन आन्दोलन सिंगरौली, उर्जांचल कामगार एवं विस्थापित यूनियन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) जिला ईकाई, सिंगरौली, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला ईकाई सिंगरौली, समाजवादी पार्टी जिला ईकाई सिंगरौली, बहुजन समाज पार्टी जिला ईकाई सिंगरौली, आम आदमी पार्टी जिला ईकाई सिंगरौली, अमृता सेवा संस्थान आदि शामिल हुए।
साभार : एकता सिंह की वाल से