दयामनी बारला की रिहाई के लिए दिल्ली में दस्तक: छात्र-युवाओं ने झारखंड भवन पर किया प्रदर्शन
दयामनी बारला : फौलादी इरादों वाली भारतीय महिला
जेल से दयामनी बारला की चिठ्ठी
दयामनी की हिरासत बड़ी, नगड़ी में पुलिस के साए तले निर्माण का अदालती फरमान जारी
दयामनी बारला: 3 अगस्त 2011 को भूमि अधिग्रहण के विरोध में जंतर मंतर पर पर दिया गया भाषण
जे.टी.एस.ए. के साथी गणेश ने जोर देकर कहा की नगड़ी में चल रहे विस्थापन विरोधी आंदोलन में शामिल होने के कारण दयामनी बारला को षड्यंत्रपूर्वक जेल में रखा गया है और एक के बाद एक कई फर्जी मामलों में फंसाया जा रहा है. नगड़ी में विकास के नामपर आदिवासियों को बेदखल करके बनाए जा रहे शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय क़ानून विश्वविद्यालय भी शामिल है, जिसके बोर्ड में झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश खुद शामिल हैं. ऐसे में, पुलिस के साये तले नगड़ी को खाली कराने संबंधी उनके आदेश के मायने समझे जा सकते हैं. पूरा का पूरा सत्तावर्ग आज गरीबों-आदिवासियों को बेदखल करने पर एकमत है.
जे.ए.यू. छात्रसंघ के सह-सचिव पीयूष और आइसा की नेता सुचेता डे और अनुभूति बारा ने भी सभा को सम्बोधित किया. उन्होंने देश भर में नगड़ी की तर्ज पर किसानों, आदिवासियों और गरीबों को कारपोरेट के हितों में विस्थापित और पीड़ित करने पर क्षोभ जताया और साझा आंदोलन तेज करने पर बल दिया. पेश है झारखंड भवन पर हुए आज के इस विरोध प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें: