संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

आखिर किसानों के दर्द को कौन समझेगा ?

देश की राजधानी से मुश्किल से 50 कि.मी. की दूरी (जिला कलैक्ट्रेट परिसर, गौतमबुद्ध नगर) पर किसान अपनी ज़मीन बचाने के लिए लगातार 01 जनवरी 2014 से आमरण अनशन  पर बैठे है। इन किसानों की उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम, अम्बुजा सीमेन्ट, बिरला सीमेन्ट, अंसल बिल्डर

विभिन्न संगठनों, पत्रकारों व बुद्धिजीवियों ने आकर दिया समर्थन, मधुरेश, डॉ. सुनीलम, चितरंजन पहुँचे किसान-महापड़ाव पर !! 

12 फरवरी 2014 को पीयूसीएल के राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष चितरंजन सिंह, एनएपीएम के मधुरेश, किसान संघर्ष समिति के डॉ.
सुनीलम, किसान मंच के विनोद सिंह समेत  पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने भी जिला कलैक्ट्रेट परिसर, गौतमबुद्ध नगर पहुँचकर किसान महापड़ाव का समर्थन किया।

(उत्तम स्टील्स), हाईटेक सिटी,राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण,  नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन एवं बिल्डरों हेतु नोएडा, ग्रेटर नोएडा में किसानों की बहुमूल्य जमीन को अर्जेन्सी क्लॉज लगाकर गैर-कानूनी रूप से कौड़ियों के भाव लेकर उन्हें उनके मालिकाना हक से वंचित कर दिया गया है। कई बार बंद, प्रदर्शन, रैली और धरने जैसे आयोजन कर सरकार को चेतावनी दे चुके किसानों का कहना है कि हम अपनी जान दे देंगे, लेकन किसी भी सूरत में अपनी जमीन कंपनियों को नहीं देंगे। पेश है आंदोलन की संक्षिप्त रिपोर्ट;

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिला गौतमबुद्ध नगर में अम्बुजा सीमेन्ट, बिरला सीमेन्ट एवं बिल्डरों हेतु एवं नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण तथा प्रदेश सरकार द्वारा लाइसेंस प्राप्त अंसल बिल्डर (उत्तम स्टील्स), हाईटेक सिटी बिल्डर द्वारा शहरीकरण हेतु एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन ((NTPC), उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (UPSIDC)  आदि संस्थानों के माध्यम से जनपद के किसानों की बहुमूल्य जमीन को अर्जेन्सी क्लॉज लगाकर गैर-कानूनी रूप से कौड़ियों के भाव लेकर उन्हें उनके मालिकाना हक से वंचित कर दिया गया है।

उपरोक्त प्राधिकरणों, निगमों व बिल्डरों द्वारा भूमि लिए जाने के समय किसानों से किये गए वायदों को पूरा किये जाने की मांग को लेकर किसान कई वर्षों से अलग-अलग स्थानों पर आंदोलन करते आ रहे हैं परन्तु अभी तक उन्हें पूरा नहीं किया गया है जो किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।

अब समय आ गया है कि हम सभी किसान व किसान संघर्ष समितियों को एक होकर अपने अधिकार की रक्षा के लिए पूर्ण सफल्ता मिल जाने तक अब निर्णायक लड़ाई लड़नी होगी।

किसानों के प्रमुख मुद्दे

  1. यू.पी.एस.आई.डी.सी., अंसल बिल्डर (उत्तम स्टील्स), हाईटेक सिटी बिल्डर, यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण से प्रभावित किसानों को ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तर्ज पर बढ़ा हुआ 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा सहित 1400 रु. प्रति वर्गमीटर तक का मुआवजा तुरन्त दिया जाए एवं जिन किसानों ने अपनी जमीन वापस लेने लेतु न्यायालय में याचिका दर्ज की हुई है उन्हें उनकी जमीन वापिस की जाए।
  2. उपरोक्त प्राधिकरणों व बिल्डरों द्वारा प्रभावित किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि का प्लॉट दिया जाए तथा सैक्टरों में कमर्शियल परपज हेतु दुकान का आवंटन सुनिश्चत किया जाए।
  3. जमीन लिये जाने से प्रभावित किसानों के परिवारों के एक-एक सदस्य को उक्त संस्थानों द्वारा रोजगार तुरन्त उपलब्ध कराया जाए।
  4. भूमिहीन व गरीबों को 120-120 वर्गमीटर के आवासीय प्लाट दिये जाएं।
  5. किसानों की जमीन का बाजार दर से 1 करोड़ प्रति बीघा तक का मुआवजा तय किया जाए।
  6. जनपद में जमीन लिए जाने से प्रभावित गांवों व कस्बों का विकास नोएडा व ग्रेटर-नोएडा की तर्ज पर संबंधित संस्थानों द्वारा कराया जाए, जिनमें स्कूल, अस्पताल, स्टेडियम, पंचायतघर, बारातघर एवं बिजली पानी की समुचित व्यवस्था की जाए।
  7. किसानों की आबादियों के प्रकरणों का निस्तारण अतिशीघ्र कर नई आबादी नियमावली तुरन्त लागू की जाए।
  8. राष्ट्रीय राजमार्ग (एन.एच. 91), दादरी बाईपास के दोनों तरफ सर्विस रोड बनाया जाए तथा मुख्य रास्तों पर अण्डरपास दिए जायें।
  9. नेशनल थर्मल पावर कारपोरेशन (एनटीपीसी) द्वारा जमीन लिये जाने के समय किसानों से किये वायदे अनुसार दादरी एवं दादरी क्षेत्र के गांवों को 24 घण्टे बिजली की सुविधा अतिशीघ्र दिलाई जाये।
  10. दादरी क्षेत्र में जल प्रदूषण एवं वायु प्रदूषण फैलाने वाली कैमिकल्स कंपनी पर तुरन्त रोक लगाई जाए।
  11. दिल्ली एवं हरियाणा राज्यों की तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन शुरू की जाए तथा विधवा एवं विकलांग पेंशन की दर बढ़ाकर समय से दी जाए।
  12. ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं एनटीपीसी द्वारा जमीन अधिग्रहण से प्रभावित तथा अंसल एवं हाईटैक सिटी बिल्डरों द्वारा बसाये जा रहे हाईटेक सिटीज के प्लानिंग एरिया के मध्य 1857 ई. की क्रान्ति के ऐतिहासिक शहर दादरी का विकास नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर कराया जाए, खोड़ा कालोनी की तर्ज पर अलग से पैकेज दिया जाए।
  13. किसानों को उनकी प्रोपर्टी का मालिकाना हक (Title Deed) दिलाया जाए, उनकी प्रापर्टी, सम्पत्ति रजिस्टर में दर्ज की जाए जिससे उन्हें पुनर्वास हेतु बैंकों से ोकन आदि की सुविधा सैक्टरों की प्रापर्टी की तरह मिल सके।
  14. जिले के कस्बों व सैक्टरों के मार्गों तथा चौराहों के नाम जिले में जन्में महापुरुषों एवं शहीदों के नाम पर रखे जायें। कलैक्ट्रेट परिसर में शहीदों के नाम का स्तम्भ स्थापित किया जाए एवं तहसील स्तर पर शहीद स्मारक बनाये जाएं।
  15. प्रदेश सरकार द्वारा नई भूमि अधिग्रहण नीति बनाकर ही भविष्य में किसानों की जमीन ली जाए, जिसमें विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान प्रदेश सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार सर्किल रेट का छः गुना मुआवजा 20 प्रतिशत प्लॉट तथा पुनर्वास एवं पुर्नव्यवस्थापन की सभी सुविधायें दी जायें।
  16. नया भूमि अधिग्रहण कानून वष्र 2000 से लागू किया जाए और प्राधिकरणों की स्थापना के समय से अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों को पुनर्वास एवं पुर्नव्यवस्थापन (R&R) की सभी सुविधायें दी जायें।
  17. भविष्य में किसानों की जमीन लीज पर ली जाए जिससे किसान का मालिकाना हक सुनिश्चत रह सके।
  18. जिले के किसानों के वाहनों को टोल टैक्स फ्री की सुविधा सुनिश्चत की जाए।
  19. जिला गौतमबुद्ध नगर के किसानों की सुविधा हेतु ग्रेटर नोएडा में किसान भवन का निर्माण कराया जाए।
  20. किसानों पर विभिन्न आंदोलनों में दर्ज किये गये मुकदमें तुरन्त वापय लिये जाएं।

किसान महापड़ाव को 12 फरवरी 2014 को पीयूसीएल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चितरंजन सिंह, एनएपीएम के मधुरेश, किसान संघर्ष समिति के डॉ. सुनीलम, किसान मंच के विनोद सिंह समेत  पत्रकारों और बुद्धिजीवियों ने भी जिला कलैक्ट्रेट परिसर, गौतमबुद्ध नगर पर पहुँचकर किसान महापड़ाव का समर्थन किया।

आयोजकः समस्त किसान संघर्ष समिति एवं समस्त किसान जनपद गौतमबुद्ध नगर
निवेदकः ‘‘संयुक्त किसान संघर्ष समिति’’
सम्पर्क: 9311484911, 9312650610,
9311207772, 9311229220, 9313105840, 9899959545, 9311461507, 9312138333,
9312861888, 9312111091, 8375958188, 9810927895.
 

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