.
भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन
छत्तीसगढ़ में आदिवासियों की जान ही नहीं जमीन भी असुरक्षित है
हम लंबे समय से छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की चर्चा करते आए हैं। फर्जी मुठभेड़ों, बलात्कार और दमन के शिकार इन आदिवासियों के साथ एक और अन्याय हाल ही में प्रकाश में आया है जहां रायगढ़ जिले के घरघोड़ा विकासखंड की तीन ग्राम पंचायतों के 200 आदिवासियों की करीब 800 एकड़ जमीन षड़यंत्रपूर्वक हड़प ली गई है। और अन्य सभी…
और पढ़े...
मानवाधिकार तो दूर आदिवासियों को जीने का हक़ भी नहीं दे पा रही छत्तीसगढ़ सरकार
छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले एक वर्ष में…
मोदी ने दी राज्यों को भूमि लुटाने की खुली छुट : भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के साथ…
मोदी सरकार भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर विफल होने के बाद अब अलग -अलग कानूनी दावपेंच से जमीन हथियाने और…
नवलगढ़ की महिलाओं ने किया मुख्यमंत्री से सवाल : किसके हक में है यह विकास ?
राजस्थान के नवलगढ़ में पिछले 2500 से भी ज्यादा दिनों से बांगड़-बिड़ला सीमेंट प्लांट के विरुद्ध हो रहे अवैध भूमि अधिग्रहण के खिलाफ इलाके के किसान धरने पर बैठे हुए हैं। 83 महीनों से ज्यादा समय से चल रहे इस संघर्ष में किसान एकजुटता के साथ एक ही बात पर खड़े हैं कि हम जान दे देंगे लेकिन अपनी 72 हजार बीघा उपजाऊ जमीन नहीं देंगे। इस…
और पढ़े...
जबरन भूमि अधिग्रहण, कार्पोरेट लूट और फासीवाद के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान :देश भर…
देश में वैश्विक पूंजी के हमले की वजह से बढ़ते निरंकुश कॉर्पोरेटीकरण तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष…
गुजरात मॉडल की सच्चाई : आंकड़ों के फर्जीवाड़े और पसंदीदा कार्पोरेटों की लूट का मॉडल
भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले चल रहे तीन दिवसीय जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 17 जुलाई…
जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे और अंतिम दिन सुबह 10 बजे से खुला सत्र
भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ में आयोजित हो रहे जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन का कल तीसरा और अंतिम दिन है। सम्मेलन में आए विभिन्न जनसंघर्षों के प्रतिनिधियों ने जल-जंगल-जमीन और जनतंत्र की लूट के राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य तथा आंदोलनों की वस्तुगत स्थिति पर बात-चीत की। सम्मेलन में निकल कर आई जनसंघर्षों की चुनौतियों…
और पढ़े...
तबाही और जमीन की लूट का दूसरा नाम है गुजरात मॉडल : मेधा पाटेकर
अहमदाबाद, 16 जुलाई 2016 : आज अहमदाबाद के गुजरात विद्यापीठ में भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले तीन दिवसीय…
जल-जंगल-जमीन-जनतंत्र की रक्षा के लिए जनसंघर्षों का राष्ट्रीय सम्मेलन कल, 16 जुलाई…
देश की आम जनता के अधिकारों, पर्यावरण, प्राकृतिक संसाधन व जमीन को बचाने के लिए एक होकर आगे की रणनीति तय करने के…
विकलांग किसान की डेढ़ एकड़ भूमि के लिए लालायित सर्वशक्तिशाली जे.पी. कम्पनी
देश के लगभग हर राज्य में जबरन भूमि अधिग्रहण के विरोध में तीखे आंदोलन चल रहे हैं। हर कोने में किसान अपनी भूमि के जबरन छीने जाने के खिलाफ सरकारों से अपील करके-लड़ के, जिस भी तरीके से हो सके अपनी जमीनें बचाने की कोशिश में लगे हैं लेकिन इसके बावजूद इस देश की शासन व्यवस्था बड़ी ही बेशर्मी से एक के बाद एक निजी पूंजीपतियों और औद्योगिक घरानों को…
और पढ़े...