संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन

देशद्रोह के मुक़दमे झारखंड के आदिवासीयों पर सबसे ज्यादा : दयामनी बारला का यह वीडियो जरुर देखें

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के नेता कन्हैया कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की जिस धारा 124(ए) के तहत देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है उसके तहत साल 2014 में जम्मू-कश्मीर में एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया। झारखंड इस मामले में अव्वल रहा। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार 2014 में देश के…
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मोदी और सोनी सोढ़ी आज रायपुर में : स्मार्ट सिटी का शिलान्यास आदिवासियों की लाश पर ?

छत्तीसगढ़ की नयी राजधानी में देश की पहली स्मार्ट सिटी का आज मोदी शिलान्यास करेंगे ज्ञात रहे यह जमीन आदिवासियों से जबरन हड़पी गयी है. जो लोग आदिवासियों के हको की बात कर रहे है उन पर तरह तरह से हमले किये जा रहे है. इसका ताजा उदाहरण सोनी सोढ़ी का है जिन पर रात में ही हमला किया गया है. सोनी सोढ़ी का इलाज कर रहे जगदलपुर के डॉक्टरों ने रायपुर रेफर…
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24 फरवरी को संसद के सामने भूमि अधिग्रहण पर रोक और भू अधिकार की गारंटी की मांग के…

भूमि अधिकार आंदोलन, राजस्थान दिनांक : 19. 02 . 2016 भूमि अधिकार आंदोलन, राजस्थान का सम्मेलन संपन्न 24…

भूमि की लूट और आजीविका संकट के विरोध में भूमि अधिकार आंदोलन का सम्मेलन

भूमि अधिकार आंदोलन, राजस्थान दिनांक: 19 फरवरी, 2016 समय: दोपहर 12 बजे से स्थान: मजदूर किसान…

जिंदल, नैनिसार की जमीन और जन आक्रोश

उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के नैनिसार में जिंदल ने अप्रैल 2015 में समुदाय की भूमि हड़प ली । शुरू से ही स्थानीय लोग भूमि की लूट का विरोध कर रहे है। विरोध के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रस्तावित जिंदल के विद्यालय का भूमि पूजन किया जिससे नाराज स्थानीय लोगों ने पूजन के बाद शिला को उखाड़ कर फेंक दिया। तब से लेकर आज तक स्थानीय…
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अडाणी पॉवर प्रोजेक्ट : राज्यपाल और आदिवासी आयोग से हस्तक्षेप की मांग

फ़ाइल तस्वीर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अडाणी द्वारा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में रिजेक्टेड…

भूमि की कॉर्पोरेट लूट के विरोध में संघर्ष तेज करने का ऐलान : किसान संघर्ष समिति

खेती बचाओ- संविधान-बचाओ-यात्रा का सिंगना में भव्य स्वागत किसान संघर्ष समिति द्वारा 8 दिसम्बर को…

कोलंबस के बाद जमीन की सबसे बड़ी लूट

पिछले कुछ सालों में किसानों के खेती छोड़ने की दर भी बढ़ी है. शहरी मजदूर के रूप में उनका पलायन बढ़ा है. जब किसान खेती छोड़ रहा है तो आखिर भूमि अधिग्रहण के ख़िलाफ़ संघर्ष कौन कर रहा है और क्यों? देश भर के किसान आंदोलनों, खेती और किसानी की दुश्वारियों, जमीनों पर पसरते रियल इस्टेट के जाल पर अलग-अलग हिस्सों में घूमकर किए गए अध्ययन पर अभिषेक…
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