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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन
पेंच व्यपवर्तन परियोजना के विरोध में भूला मोहगांव में प्रतिरोध दिवस मनाया गया
छिंदवाडा के भूला मोहगांव में 22 मई 2012 को प्रतिरोध दिवस के रूप में महापंचायत का आयोजन किया गया। इस मौके पर साथी सुनीलम ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि पेंच व्यपवर्तन परियोजना को रद्द किये जाने संबंधी समाचार उन्हे अखबारों में पढ़ने को मिला । उन्होनें कहा कि पहले की तरह इस बार भी बयान जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा दिया गया है…
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भूमि अधिग्रहण के विरोध में महेन्द्रगढ के किसानों का धरना एवं भूख-हड़ताल शुरू
महेन्द्रगढ़ के पास रिवाड़ी रोड पर 28 मई 2012 से निकटवर्ती गांव रिवासा और माजरा खुर्द के किसान अपनी उपजाऊ भूमि…
गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का आन्दोलन तेज हुआ
गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के विरोध में आंदोलन 670 दिन से चल रहा है। 17 अगस्त 2010 से किसान धरने पर बैठे हुये…
करछना पॉवर प्लांट का भूमि अधिग्रहण रद्द किसानों के आंदोलन के आगे नहीं टिक पाया जेपी ग्रुप
करछना में पॉवर प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों को अंततः जीत हासिल हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सुनीता अग्रवाल की खंडपीठ ने करछना में प्रस्तावित जेपी ग्रुप के थर्मल पॉवर प्लांट के लिए भूमि का अधिग्रहण रद्द कर दिया है। न्यायालय ने कहा है कि किसानों को मुआवजा लौटाना होगा, इसके बाद उनकी…
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सड़क चौड़ीकरण किसके हित में: कम्पनी या किसानों के ?
इस समय पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों के चौंड़ीकरण का कार्य जोरशोर से चल रहा है। 2 लेन को 4 लेन, 4 लेन के…
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना से जे.पी. कंपनी ने हाथ खींचे
उ. प्र. विधानसभा चुनाव 2012 की अधिघोषणा जारी होने के बाद चुनाव होने से पहले गंगा एक्सप्रेस-वे की विकासकर्ता कम्पनी…
किसानों का अंतिम फैसला, हम जमीन नहीं देंगे
नवलगढ़ क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन को दो टूक कह दिया है कि जमीन का अधिग्रहण किसी सूरत में नहीं होने देंगे। वे सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए अपनी जमीन नहीं देंगे। किसानों की ओर से मुख्यालय पर दिए जा रहे धरने को 27 अगस्त 2012 को 730 दिन पूरे हो जायेंगे। प्रशासन ने किसानों के प्रतिनिधियों को 4 अप्रैल 2012 को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।…
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जारी है : भूमि अधिग्रहण के खिलाफ सत्याग्रह
पिंडरगंगा घाटी, जिला चमोली, उत्तराखंड में प्रस्तावित देवसारी जलविद्युत परियोजना विरोधी आंदोलन जारी है।…
मध्य प्रदेश के जनसंघर्ष: आजीविका का सवाल
प्रदेश में 11 प्रमुख नदियाँ बहती हैं. यह नदियाँ कभी लोगों की खुशहाली का कारण होती थीं, लेकिन आज कंपनियों,…
18 राज्यों के हजारों आदिवासियों ने मांगा अपना वनाधिकार
आदिवासियों को अपने ही घर, जल, जमीन, जंगल से बेदखल किए जाने के खिलाफ देश के 18 राज्यों से आए हजारों आदिवासियों ने 15 दिसंबर 2011 को जन वनाधिकार रैली निकाली। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं। आंदोलनकारियों ने वनवासियों व आदिवासियों के अधिकार देने वाले कानून को तुरंत लागू करने की मांग की। यह कानून 15 दिसंबर 2006 को संसद में पारित हुआ था।
देश…
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