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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन
हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कालसे पाटिल का किसानों को समर्थन
जैतापुर (महाराष्ट्र) के परमाणु संयंत्र विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे मुम्बई हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस कालसे पाटिल 27 फरवरी 2012 को किसान संघर्ष समिति द्वारा आयोजित धरने के 567 वें दिन किसानों को समर्थन देने फतेहाबाद पहुचे । धरने को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा किसी भी सूरत में मानव हित में नहीं है क्योंकि इससे…
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परमाणु-ऊर्जा के खतरनाक दुःस्वप्न को हरियाणा के किसानों की चुनौती
हरियाणा के फतेहाबाद जिले में पिछले अठारह महीने से चल रहा परमाणु ऊर्जा-विरोधी आन्दोलन निर्णायक स्थिति में पहुँच गया…
नयी राजधानी के लिए विस्थापन स्वीकार्य नहीं : किसानों की महापंचायत, लाठी चार्ज एवं…
छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी से महज 20 किलोमीटर की दुरी पर एक नयी राजधानी बसाने की योजना, वहां के 27 गांवों के…
आदिवासियों की जमीन लौटाने का आदेश
हमने संघर्ष संवाद के पिछले अंकों में यह बताया था कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में किस प्रकार फर्जी नामों से जमीन खरीद कर तथा बलात कब्जा कर जिंदल जैसे उद्योगपति आदिवासियों तथा अन्य किसानों की जमीनें हड़प रहे हैं। ऐसे फर्जी खरीद-फरोख्त के मामलों तथा कुछ भुक्तभोगियों के बयान भी हमने प्रकाशित किये थे। परंतु जाँजगीर चांपा के जिलाधिकारी का यह आदेश सरकारी…
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कृषि, भूमि नीति के सवाल पर विचार-विमर्श
22 एवं 23 अगस्त, 2011 को इन्दौर (म. प्र.) में भूमि की लूट के सवाल पर सामाजिक संगठनों, स्थानीय जन संघर्षों के साथ…
गंगा एक्सप्रेस-वे तथा भूमि अधिग्रहण का विरोध तेज़ : किसान करेंगे बलिया से नोएडा तक…
20 अगस्त 2011 को इलाहाबाद में एक बैठक हुई जिसमें उ. प्र. में गंगा एक्सप्रेस-वे और अन्य परियोजनाओं के लिये हो रहे…
परमाणु ऊर्जा संयंत्र विरोधी संघर्ष : एक साथी और शहीद
सितंबर 2011 माह की शुरूआत में हरियाणा के गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना के खिलाफ लड़ रहे किसानों को जब अपने साथी ईश्वर सिंह सिवाच (62 वर्ष) की हृदय आघात से हुई मौत का पता चला तो उन्होंने यह पहचानने में कोई गलती नहीं की कि यह मौत उनके संघर्ष की तीसरी आहुति है। ईश्वर सिंह सिवाच, राम कुमार और भागु राम फतेहाबाद जिला मुख्यालय के…
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पोस्को, वेदांत, टाटा की तर्ज पर अल्टाट्रेक कम्पनी भी
समाज सेवा का ढोंग
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ क्षेत्र के खिरोड़ के पास भामू की ढाणी में स्थित स्व.…
राजस्थान में चल रहे जमीन अधिग्रहण विरोधी जन आन्दोलनों पर एक नजर
दो जिलों की 72 हजार बीघा जमीन पर टिकी सीमेंट फैक्ट्रियों की नजरः
झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ और सीकर जिले के बेरी…
खेती, ज़िंदगी और जमीन बचाने की जंग
किसानों ने भूमि अधिग्रहण के विरोध में घंटों जाम किया जयपुर-लुहारू हाईवे
नवलगढ़ में पिछले एक वर्ष से किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरने पर बैठे है। यह किसान अपनी उपजाऊ भूमि किसी भी कीमत पर सीमेंट कंपनियों को देने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है क्योंकि किसानों के 328 दिन के आंदोलन के बावजूद सरकार…
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