संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन

जारी है भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संघर्षरत किसानों पर बर्बर दमन

उत्तर प्रदेश में भूमि-अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों तथा प्रशासन के टकराव की हिंसक घटनायें राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार के बर्बर रूप को दर्शाती हैं। ग्रेटर नोएडा से शुरू हुआ किसान आंदोलन अब उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल चुका है। उत्तर प्रदेश में किसानों पर 2007 से अब तक आठ बार लाठी-गोली चल चुकी है और करीब दर्जन भर किसान मारे जा चुके हैं…
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पोस्को कम्पनी को दी गयी वनभूमि के इस्तेमाल की इजाजत

पोस्को को हरी झण्डी: मामला आर्थिक-प्रौद्योगिकी-सामरिक महत्व का या कुछ और ? फैसले का आधार देश में मौजूद कानून या सरकार द्वारा नियुक्त समितियों और विशेषज्ञों की संस्तुति तथा स्थानीय लोगों की मांग नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रति ‘निष्ठा एवं विश्वास’। ‘पोस्को जैसी परियेाजनायें आर्थिक-प्रौद्योगिकी तथा  सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण’ अतएव…
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भूमि अधिग्रहण का विरोध, जारी है धरना-प्रदर्शन और गिरफ्तारी

हरियाणा राज्य के रोहतक जिले के 9 गांवों की 3368 एकड़ जमीन का अधिग्रहण खरखौदा में आई.एम.टी. बनाने के लिए किया जा रहा…

जे.पी. पॉवर प्लांट के लिए अधिग्रहीत कृषि भूमि के खिलाफ संघर्ष जारी है…….

लिखित वादे से मुकरा जिला प्रशासन धमकी पर आमादा घायल किसान शहीद अपनी जीविका, जमीन तथा कृषि बचाने के लिए संघर्षरत करछना (इलाहाबाद, उ.प्र.) के किसानों का धरना, क्रमिक अनशन अपने 250 दिन पूरा करने जा रहा है। लेकिन सरकार, प्रशासन तथा कंपनी किसानों की सुनने के बजाय उनको आतंकित करने पर आमादा है। इस बीच आंदोलन के नये घटनाक्रम के तौर पर जो…
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नवलगढ़ के किसान आंदोलन में विभिन्न ताकतों की भूमिका पर रपट

तीन मुनाफ़ाख़ोर बनाम हज़ारों लोग: जंग जारी है लोग लड़ रहे हैं अपनी जमीनें बचाने की लड़ाई सरकारी शह पर सीमेण्ट…

किसानों का विधान सभा के समक्ष प्रदर्शन एवं धरना

नवलगढ़ के आंदोलनकारी किसान 16 मार्च 2011 को जयपुर शहर के 22 गोदाम पुलिया के नीचे एकत्रित होकर अपना जुलूस बनाकर…

कारपोरेट, कंपनियों तथा भू-माफियाओं के सामने झारखण्ड सरकार ने टेके घुटने

छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट तथा संथाल परगना टेनेंसी एक्ट को सख्ती से लागू करने की मांग को लेकर जारी संघर्ष   सी.एन.टी. एक्ट को सख्ती से लागू करवाने के आदेश पर मुख्यमंत्री द्वारा रोक लगाने के खिलाफ झारखंड वासियों ने पूरे राज्य में  आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। झारखंड के कई जनसंगठनों ने दिसम्बर 2010 से मार्च 2011 तक लगातार राज्यपाल, राजभवन के…
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