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भूमि अधिग्रहण विरोधी आंदोलन
गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयन्त्र के खिलाफ संघर्षरत किसान
भारत में साफ, सुरक्षित एवं सस्ती तथा समुचित बिजली आपूर्ति की बातें जोरशोर से सरकार तथा तंत्र द्वारा प्रचारित करते हुए यह कहा जा रहा है कि इस जरूरत को पूरा करने के लिए 40 नये परमाणु संयंत्रों को स्थापित करने की जरूरत है। इन प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गौरखपुर गाँव में प्रस्तावित है।
आज से कई साल पहले इस…
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रेणुका बांध के खिलाफ संघर्ष जारी है. . . .
दिनांक 15 दिसंबर 2010 को हिमाचल प्रदेश के रेणुका, सिरमौर में जबरदस्ती भू-अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय लोगों के विरोध…
निरमा सीमेंट प्लांट विरोधी संघर्ष
महुआ क्षेत्र 1998 तक सौराष्ट्र का कश्मीर हुआ करता था वहां अधिकतर सभी फसलें हुआ करती थीं। आज भी महुआ की सब्ज़ी बम्बई…
राष्ट्रीय सम्मेलन : जनआंदोलनों का दमन
इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ) द्वारा 8 एवं 9 दिसंबर 2010 को राजेन्द्र भवन, नयी दिल्ली में ‘जन आंदोलनों के दमन’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस प्रतिनिधि सम्मेलन में मणिपुर, प. बंगाल, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर,…
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बलात कब्जायी जमीनें, अपनाया साम-दाम-दण्ड-भेद का आजमाया तरीका! सरकार एवं कम्पनियों…
छत्तीसगढ़ राज्य में 69000 एकड़ जमीन (जो कृषि भूमि है) को गैर कृषि कार्यों हेतु स्थानांतरित कर दिया गया। सड़क के…
कार्यवाहियाँ पूर्व निर्धारित फिर भी जारी है जन सुनवाइयों की नौटंकी
पर्यावरण विभाग की जांच संदेह के घेरे में। कोल वाशरी की बोलती तस्वीरें।
मामला ‘‘जिंदल कोल वाशरी’’ जन सुनवाई का…
पूर्वी उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेस-वे के ख़िलाफ़ बढ़ता जनाक्रोश
केवल उत्तर प्रदेश में ही गंगा एक्सप्रेस-वे के पहले चरण के कारण घट जाएगा हजारों एकड़ कृषि योग्य उपजाऊ भूमि का रकबा तथा प्रतिवर्ष 50 लाख कुंतल अनाज का उत्पादन
गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के ख़िलाफ़ कृषि भूमि बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों ने जनवरी, फरवरी माह में विभिन्न गतिविधियां कीं। मोर्चा के बैनर तले नोएडा से…
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नेशनल हिल्स पार्क : 37 गांवों के वाशिंदों को हटाकर जानवरों को बसाने का फरमान
राजस्थान के चित्तौड़गढ जिले के ब्लॉक भैसरोडगढ में राजस्थान सरकार ने तीन ग्राम पंचायतों के 37 गांवों के वाशिंदों…
जन सुनवाई का नाटक : जन विरोध को दबाने के लिए आँसू गैस, लाठी, गोली का इस्तेमाल
रायगढ़ के दर्रामुंडा के लोग नहीं चाहते थे कि कोई कंपनी उनके इलाक़े में डेरा डाले और उन्हें कहीं का न छोड़े…
मित्तल को अब चाहिए बोकारो में जमीन विरोध में आदिवासी मूलवासी अस्तित्व रक्षा मंच ने कसी कमर
झारखण्ड सरकार ने अगस्त 2005 में मित्तल कंपनी के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किये थे। इस एमओयू के आधार पर कंपनी 12,000 हेक्टेयर भूमि हथियाना चाहती थी। इस भूमि पर कंपनी आयरन ओर की माइनिंग, कोल ब्लाक, टाउनशिप, एसईजेड, आवागमन के लिए सड़क मार्ग, कच्चा माल तथा तैयार माल बाहर भेजने के लिए रेलवे मार्ग, पानी के लिए डैम जैसी बुनियादी सुविधायें जुटाना चाहती थी।…
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