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उत्तराखंड में चल रहे संघर्षो की दास्तान
''यदि वक्त मिला और आपके संरक्षण में पल रहे जिंदल और उसके गुण्डों से मैं और मेरा परिवार सुरक्षित रहा तो जरूर मैं जनता के समक्ष आपसे खुली बहस करने को तैयार हूँ और आप मेरे इस निमंत्रण को स्वीकारें, ताकि आपके विचार और अनुभवों से उत्तराखण्ड की जनता और मैं कुछ सीख सकें। बुरा न मानें, यह लोकतंत्र हैं।…
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देवभूमि में दहक रही है बग़ावत की ज़मीन
जिंदल के प्रेम में अंधे हो चुके हरीश रावत को कुछ नहीं दिख रहा
ढलते नवंबर की एक ढलती हुई शाम उस गांव में शादी…
पर्यावरणीय प्रवचनों से आक्रोशित उतरकाशी की जनता
उतरकाशी जिला के भटबाड़ी गावों में ‘जन पहल से आपदा प्रबंधन’ पर एक स्थानीय जनता की बैठक का आयोजन दिल्ली…
उत्तराखंड के जौनसार बाबर में दलितों के भूमि अधिकार, बधुआ मजदूरी, दलितों-महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर रोक, अंधविश्वास आदि विषयों के खिलाफ 5 दिवसीय यात्रा 9 से 13 अक्टूबर 2015 तक आयोजित की गई है । यात्रा करीब 35 गांवों से गुजरेगी। 15 अक्तूबर को बिसोई मंदिर में स्थानीय दलित-महिलाएं प्रवेश…
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सबसे ज्यादा काम, सबसे कम दाम और सबसे कम सुरक्षा ये है महिला कामगारों की स्थिति :…
‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'श्रमेव जयते' नारे का पर्याय है- श्रम का सम्मान नहीं, श्रम की पहचान नहीं। दरअसल…
पुणे के मालिण गांव व उत्तराखंड के जखन्याली नौताड़ में हुए भू-स्खलन में करीब दो सौ लोगों की मृत्यु हुई है। मालिण गांव की त्रासदी के लिए पनचक्कियां लगाने को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। वास्तविकता यह है कि "करे कोई और भरे कोई" की शोषण आधारित व्यवस्था अब गरीबों से उनके जीने का हक भी छीन रही है।…
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केदारघाटी आपदा पीड़ित: अभी भी पुनर्वास के इंतजार में !
उत्तराखंड के केदारघाटी में पिछले साल आयी त्रासदी में विस्थापित हुये लोग अभी भी इस भयानक ठंड में टेंटों…
जन सरोकारों से जुड़े एक नए आन्दोलन का आगाज़…….
यह मांग उठी है केदारघाटी (उत्तराखण्ड) के अगस्त्यमुनि कस्बे से । केदार घाटी में हुए जल प्रलय में अगस्त्यमुनि…
हिमालय क्षेत्र में बन रहे बांधों के खिलाफ प्रो. अग्रवाल 6 बार अनिश्चितकालीन अनशन कर चुके हैं। सरकार की चमड़ी का अंदाजा अनशनों की संख्या से ही लगाया जा सकता है। गांधी द्वारा अविष्कृत यह अंतिम एवं अमोद्य अस्त्र के भी कारगर सिद्ध न हो पाने के कारणों की खोजबीन अब अनिवार्य हो गई है। ऐसे ही कारणों की…
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