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राज्यवार रिपोर्टें
संसद किसान मार्च 10 अगस्त 2015
जरा सोचिये .......। चालीस सालों में गेहूं सात गुना बढ़ा, लेकिन सोना नब्बे गुना, साबुन अस्सी गुना, नमक चालीस गुना, ट्रेक्टर बारह गुना महंगा हुआ, देश का हर किसान पचास हज़ार रूपये का कर्जदार है, पांच लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों का खून बहाया जा रहा है । ऐसा सरकारों कि किसानी कि नीति को ख़त्म करने के कारण हुआ…
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विकास का आतंक और विनाशकारी विस्थापन के खिलाफ पदयात्रा; 6 से 12 अगस्त 2015, नर्मदा…
सरदार सरोवर प्रभावित 2.5 लाख लोगों की जल समाधि रोकें !
6 से 12 अगस्त, 2015 नर्मदा घाटी में
खलघाट से…
एफटीआईआई छात्रों की जंतर मंतर पर दस्तक
फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) पुणे के छात्र पिछले 53 दिनों से एफटीआईआई के अध्यक्ष पद पर…
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष : गलत नीतियों की स्वीकार्यता
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा हाल ही जारी अपनी रिपोर्ट में स्वीकार किया गया कि ‘‘छन कर आने वाला‘‘ (ट्रिकल डाउन) का सिद्धांत कारगर साबित नहीं हुआ है। साथ ही मुद्रा कोष की पूंजीवादी एवं मितव्ययता को प्रोत्सहित करने वाली नीतियों से असमानता में उछाल आया है। पेश है जॉन क्वेली की सप्रेस से साभार रिपोर्ट;
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई एफ एम)…
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महाजनी संस्कृति, प्रेमचंद और वर्तमान
प्रेमचंद की 135वीं जयंती पर आदियोग का आलेख;
विकास के भागते पहिये से वह चमक पैदा हुई कि आजादी की आधी सदी…
रिकोङ्ग्पिओ में कब्जा हटाओ अभियान के विरुद्ध विशाल विरोध प्रदर्शन
हिमालय
नीति अभियान
हिमलोक
जागृति मंच
वन
अधिकार संघर्ष समिति किनौर
प्रेस विज्ञप्ति
रिकोङ्ग्पिओ
में कब्जा हटाओ…
भूमि अधिग्रहण विधेयक वापस लेने की मांग तेज
भूमि अधिग्रहण विधेयक के विरोध में जन संघर्षों की जनसुनवाई भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले दिल्ली के मुक्तधारा में 23 जुलाई 2015 को आयोजित की गई. किसान नेताओं ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ देश भर में संघर्ष तेज़ करने की बात रखी. पेश है भाषा से साभार यह रिपोर्ट;
किसानों और कार्यकर्ताओं ने बृहस्पतिवार को राजग सरकार से भूमि अधिग्रहण विधेयक…
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पुलिसिया दमन के विरोध में राजस्थान के जन संगठनों का प्रदर्शन
प्रवासी मजदूर कुलदीप सिंह के हत्यारों को गिरफ्तार करो
एन.एफ.आई.डब्ल्यू. की कार्यकर्ता निशा सिद्धू, एटक के…
भूमि अधिग्रहण अधिनियम के विरोध में जन संघर्षों की जनसुनवाई : 23 जुलाई 2015, नयी…
जन सुनवाई 23 जुलाई 2015, 10: 00 बजे
स्थान : मुक्तधारा, भाई वीर सिंह मार्ग,
गोल मार्किट के पास,
नई दिल्ली
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मोदी सरकार को शिकस्त देता भूमि अधिग्रहण का मुद्दा
“सरकार पर 'किसान विरोधी' होने का दाग लगवाकर भी भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की जिद्द पर अड़े प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यही मुद्दा नीतिगत मोर्चे पर शिकस्त दे रहा है। बुधवार को हुई नीति आयोग की बैठक में तकरीबन साफ हो गया कि केंद्र सरकार संसद के जरिये भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव की आस छोड़कर राज्यों को अपने कानून बनाने के लिए प्रेरित करेगी।…
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