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राज्यवार रिपोर्टें
झारखंड के मूलवासी – आदिवासियों का ऐलान : न जान देंगे, न जमीन देंगे !
रंजीत वर्मा की कविता ‘यह जमीन ही है’ कि शुरुआती पंक्तियां -
जरूरी है पढ़ाई-लिखाई
लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है सीखना
होती है क्या हक की लड़ाई
जरूरी है कमाई-धमाई
जोड़ना पाई-पाई
लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है
बचानी अपनी जमीन
जिसे पुरखों से
समझते आ रहे हैं हम अपनी माई
और इसी कविता की अंतिम पंक्तियां कुछ इस प्रकार है-
लेकिन पैदा करती है…
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डांगावास दलित नरसंहार के विरोध में प्रदर्शन !
राजस्थान के जयपुर शहर में सामाजिक संगठनों के संयुक्त बैनर तले 27 मई को नागौर के डांगावास में हुए दलित संहार की…
एक और खैरलांजी : राजस्थान का नागौर जिला दलितों की कब्रगाह बनता जा रहा है
राजस्थान की राजधानी जयपुर से तक़रीबन ढाई सौ किलोमीटर दूर स्थित अन्य पिछड़े वर्ग की एक दबंग जाट जाति की बहुलता वाला…
रेमण्ड वूलन मिल्स के ठेका मजदूरों ने दिया कलेक्टर को ज्ञापन
मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले के बोरगांव स्थित रेमण्ड वूलन मिल्स के ठेका मजदूरों ने हिन्द
मजदूर किसान पंचायत के बैनर तले जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन दिया है जिसमें फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा 20-20 वर्षों से कार्यरत श्रमिकों के भविष्य निधि की आईडी बदलने, ठेकेदारों
द्वारा उन्हें 26 कार्य दिवस के स्थान पर मात्र 20 दिन काम देना जैसे गंभीर आरोप लगाये…
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खुली अर्थव्यवस्था की समीक्षा जरूरी !
देश में खुली अर्थव्यवस्था के 25 वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसके अच्छे-बुरे प्रभावों को ठीक से समझने के लिए इतना वक्त…
जमीन छिनने के खौफ से बेचैन किसान
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित तीन सीमेंट प्लांटों के विरोध में पिछले 1715 दिनों से…
जमीन की लूट का अंतहीन इतिहास
भारत में सार्वजनिक जमीन की सरकारी लूट का संस्थानीकरण प्रांरभ हुए 500 वर्षों से ज्यादा हो गए हैं। यह सिलसिला आज भी न केवल बदस्तूर जारी है बल्कि अब तो इसमें लाभार्थी के रूप में निजी क्षेत्र भी जुड़ गया है। जमीन के लूट की परंपरा का ब्रिटिश काल से वर्तमान तक के सफर की छानबीन करता अनुराग मोदी का सप्रेस से साभार महत्वपूर्ण आलेख;
नरेन्द्र मोदी…
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राजस्थान में दलितों पर अत्याचार : नयी दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन
राजस्थान में दलितों पर अत्याचार : यूथ डिग्निटी फोरम का जंतर मंतर पर प्रदर्शन
सोमवार, 25 मई 2015, समय दोपहर…
राजस्थान : 21 गांवों के आदिवासियों की आजीविका व अस्तित्व का संघर्ष !
डूंगरपुर (राजस्थान) के हजारों आदिवासियों ने अपने शारीरिक श्रम व पूंजी लगाकर हजारों हेक्टेयर बंजर जमीन को खेती…
गढ़वा में प्रस्तावित कनहर बांध पर छत्तीसगढ़ सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करें- माकपा
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने झारखंड के गढ़वा जिले में कनहर नदी पर प्रस्तावित बांध के संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। प्रस्तावित कनहर बांध से सरगुजा जिले के 10 ग्राम पंचायतों के पूरी तरह डूबने की आशंका व्यक्त की जा रही है। माकपा ने आरोप लगाया है कि सिंचाई के नाम पर इस प्रस्तावित बांध का वास्तविक…
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