संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

प्राकृतिक संसाधनों पर हक किसका ?

गुजरी 18 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फैसला आया कि वेदांता कम्पनी को उड़ीसा के नियामगिरी की पहाड़ियों में बॉंक्साइड के खनन के लिए वहॉं की ग्राम सभा की सहमति लेनी होगी परंतु हम अपने देश में देखे, तो पिछले दो दशकों से बड़ी-बड़ी कॉंरपोरेट कम्पनियॉं यहॉं की भूमि, नदी, खदान, पर्वत, समुद्र सब पर कब्जेदारी के लिए सीधे भारत सरकार से करार कर रही…
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वाह री सरकार ! कारपोरेट हित में विदेशी निवेश को बढ़ावा, जनहित में विदेशी अनुदान पर…

'इंसाफ' इस देश में जल जंगल ज़मीन को लेकर चल रहे आन्दोलनों को मजबूत करने वाला एक साहसिक संगठन रहा है जिस पर…

खनन माफिया: न्याय के लिए 53 दिन से अनिश्चितकालीन धरना

राजस्थान के झुंझनू जिले में अवैध खनन का विरोध कर रहे स्वतंत्रता सैनानी ताड़केश्वर शर्मा के पौत्र प्रदीप शर्मा की…

लोअर सुकतेल: बर्बर दमन, बहादुराना प्रतिरोध और व्यापक समर्थन

दिल्ली के उड़ीसा भवन पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने बलांगीर जिले के मगुरबेडा गांव में शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों पर चल रहे बर्बर पुलिसिया दमन और किसानों की जबरन भूमि कब्जाने की सरकारी नीति के विरोध में प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में ममता दास ने कहा कि उड़ीसा पुलिस द्वारा 29 अप्रैल, 2013 को लोअर…
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कुडनकुलम पर कोर्ट का फैसला: जनता की अवमानना

सर्वोच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के कुडनकुलम न्यूक्लियर प्लान्ट से जुड़ी याचिका को खारिज करते हुये इसे हरी झण्डी…

प्रतिरोध की आवाज़ ‘इन्साफ’ पर सरकार का निरंकुश हमला: चितरंजन सिंह

जल, जंगल ज़मीन की लड़ाइयों और लोकतंत्र तथा धर्मनिरपेक्षता के संघर्ष को वर्षों से मजबूत करने वाले संगठन 'इन्साफ' का बैंक अकाउंट शनिवार को सरकार ने जब्त कर लिया है, जिसे हाल के ए डी बी विरोधी प्रतिरोध पर सरकारी कारवाई के रूप में देखा जा रहा है. पेश है इन्साफ के महासचिव चितरंजन सिंह का वक्तव्य; इंसाफ के राष्ट्रीय महासचिव चितरंजन सिंह ने…
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कला पर बंदिश के खिलाफ उठी आवाजें

झूठे मुकदमे में फंसाए गए ‘कबीर कला मंच’ की कलाकारों की रिहाई की मांग को लेकर 2 मई को श्रीराम सेंटर-मंडी हाउस से संगवारी, संगठन, द ग्रुप (जन संस्कृति मंच) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले दिल्ली के साहित्यकार-संस्कृतिकर्मियों, गायकों, चित्रकारों, फिल्मकारों, रंगकर्मियों, गायकों, पत्रकारों, छात्रों और बुद्धिजीवियों ने एक…
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