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राज्यवार रिपोर्टें
कृषि-संकट मानवता का संकट है, वक़्त आ गया है कि देश भर के वंचित अब संसद घेर लें!
पी साईंनाथ का यह आलेख पीप्लस आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया पर 22 जून 2018 पोस्ट किया गया था जो आज भी प्रासंगीक है.
भारत का कृषि संकट अब खेती-किसानी के पार जा चुका है. अब यह समाज का संकट बन चुका है. संभव है कि यह सभ्यता का संकट हो जहां इस धरती पर छोटे किसानों और खेतिहर मजदूरों का सबसे बड़ा समूह अपनी आजीविका को बचाने की जंग लड़ रहा हो. कृषि संकट अब…
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस : महिलाओं के नाम रहा आज पूरा किसान आंदोलन
सयुंक्त किसान मोर्चा प्रेस नोट
103 वां दिन, 8 मार्च 2021
सयुंक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर आज…
दिल्ली के 100 गांव एकजूट : किसान आंदोलन के समर्थन का ऐलान
-दीवान सिंह
दिल्ली के नजफ़गढ़ में 7 मार्च 2021 को किसान आंदोलन के समर्थन में आयोजित पंचायत में 100 गांवों के…
मध्य प्रदेश : चुटका से शुरू हुई नर्मदा चेतना यात्रा
जीवन दायनी नर्मदा मध्यप्रदेश की जीवन रेखा एवं आस्था का केन्द्र है। परन्तु कई वर्षो से इस पर संकट छाया हुआ है। शहर का कचरा एवं मल मुत्र नालों से होकर नर्मदा में मिल रहा है,अवैध रेत खनन से नर्मदा को छलनी किया जा रहा है, नर्मदा की सहायक नदियाँ सुखती जा रही है और प्रस्तावित चुटका परमाणु परियोजना तो नर्मदा को जहरीला बना देगा। उक्त चिंताओ को लेकर…
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कर्नाटक : ‘MSP दिलाओ अभियान’ में दिखें किसान विरोधी कानूनों से मंडी खत्म…
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने कर्नाटका से अपने ‘एमएसपी दिलाओ अभियान’ की शुरुआत की है। गुलबर्गा और बल्लारी की कृषि उपज…
उत्तर प्रदेश : पूर्वांचल में संयुक्त किसान मोर्चा के गठन का आगाज, बनारस सहित तीन…
वाराणसी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के राजनीतिक धड़े भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुआई वाली केंद्र की मोदी…
लैंड टाइटल एक्ट : विश्व बैंक के एजेंडे को आगे बढ़ाते नीति आयोग की नयी पेशकश
जिनके सरोकार बदलती दुनिया और एक नियमित अंतराल पर केंचुल बदलते पूंजीवाद से रहे हैं वे लंबे समय से यह बात कहते आ रहे हैं कि भारत की संसद की संप्रभुता कहीं और से संचालित होने लगी है। नीति आयोग के गठन के बाद यह बात स्पष्ट होती जा रही है। इस नयी नवेली संस्था को महज़ योजना आयोग के स्थानापन्न के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यह बात भी इसके गठन के साथ ही…
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100 दिन : अधिकारों और न्याय के संघर्षों में परिवर्तित होता किसान आंदोलन
-जगदीप सिंग संधू
कृषि पारंपरिक तौर से भारतीय समाज की सांस्कृतिक पहचान है। कृषि ही जीवन पद्धति की धुरी है। कृषि के…
किसान आंदोलन के 100 दिन : एक रिपोर्टर की नज़र से देखें दिल्ली बॉर्डर के हाल
-गौरव गुलमोहर
किसान आंदोलन तीन महीने का कठिन दौर पार कर चौथे महीने में प्रवेश कर चुका है। किसानों के सौ दिन डटे…