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राज्यवार रिपोर्टें
बंदूक के साये में धान काटने को मजबूर नगड़ीवासी
झारखण्ड की राजधानी रांची से सटे कांके थाना क्षेत्र में स्थित नगड़ी गांव विगत कई महिनों से रणभूमि बन चुकी है क्योंकि राज्य सरकार वहां के आदिवासियों की कृषि भूमि पर आई.आई.एम., ट्रिप्ल आई.टी. एवं लॉ यूनिवर्सिटी बनाने पर तुली हुई है, जिसका वे भारी विरोध कर रहे हैं। आदिवासियों ने अपनी जमीन बचाने के लिए अबतक क्या-क्या नहीं किया? 150 दिनों तक सत्याग्रह…
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करछना से इलाहाबाद तक किसानों का पदल मार्च
जिलाधिकारी को ज्ञापन देते किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में करछना इलाहाबाद (उ0प्र0) में पुनर्वास किसान कल्याण…
यह साम्प्रदायिक नहीं, हिंदूवादियों की इकतरफा हिंसा थी
फैजाबाद में हुई हिंसा को लेकर पिछली 18 और 19 नवम्बर को छह सदस्यीय स्वतंत्र जांच दल ने पूरे मामले की छानबीन की।…
नर्मदा: पुनर्वास में भ्रष्टाचार
नर्मदा नदी पर निर्माणाधीन सरदार सरोवर और इंदिरा सागर बांध मे विस्थापितों के पुनर्वास के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को नर्मदा बचाओ आंदोलन ने पुरजोर संघर्ष से उजागर किया है । बांध के नाम पर अपना जीवन दांव पर लगाने वाले गरीब किसानों, दलित आदिवासी अपने हक के लिए न्यायमूर्ति झा के समक्ष नौकरशाहों, दलालों की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे…
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आखरी सांस तक लड़ती रहूंगी : जेल से दयामनी बारला का इंटरव्यू
झारखंड में किसानों की जमीन के अधिग्रहण के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता दयामनी बारला…
दयामनी बारला: जेल से लिखे पत्र को सुनिये
आज रांची के (ए. के. राय ) सेशन कोर्ट में दयामनी बारला की जमानत अर्जी पर चोथी बार सुनवाई बेनतीजा रही. अगली सुनवाई 21…
कटनी: बर्बर दमन व छल के बीच जारी है प्रतिरोध
मध्य प्रदेश के कटनी जिले में भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरना दे रहे किसानों पर बर्बर पुलिसिया दमन रूकने का नाम नहीं ले रहा है. आंदोलनरत किसानों पर पुलिस ने 15 अक्टूबर की देर रात लाठीचार्ज कर खदेडने की कोशिश की. वहीं बुजबुजा व डोकरिया गांव में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। दूसरी तरफ वेलस्पन एनर्जी लिमिटेड 20 ऐसे…
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मुलताई गोलीकाण्ड :डा. सुनीलम और अन्यों को हुई उम्रकैद, फैसलों की समालोचना
डा. सुनीलम और अन्यों को जो सजा वर्ष 1998 के मुलताई पुलिस फाइरिंग केस में दी गई है, जिसमें 24 किसानों की पुलिस की…
झारखण्ड के 12 साल: क्या खोया, क्या पाया
आज 15 नवंबर 2012 को अलग झारखण्ड राज्य के गठन को 12 साल पूरे हो जायेंगे। इस मौक़े पर आज रांची के मोरबादी मैदान…
12 साल के सफर में टूटे सपने
सपनों की भूलभुलइया से निकल कर वास्तविकता के कड़वे धरातल पर उतर कर झारखण्ड राज्य अपनी उम्र के 13वें साल में पहुंच गया है। कुछ के चेहरे पर विकास की मुस्कान है तो अधिकतर के चेहरे पर विनाश और अत्याचार की उदासी है? यह बड़ा सवाल है कि पिछले 12 सालों में झारखण्ड ने क्या खोया और क्या पाया? खास कर महिलाओं को क्या मिला? इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि…
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